मुझे जॉब नहीं करनी, काउंसिलिंग नहीं कराऊंगी

जौनपुर। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मुफ्तीगंज में तैनात पार्ट टाइम टीचर रिमझिम सिंह ने सत्यापन के लिए अपना मूल दस्तावेज देने से इनकार कर दिया। रिमझिम सिंह 26 दिसंबर से ही अनुपस्थित चल रही हैं। उन्हें काउंसिलिंग के लिए जब बीएसए दफ्तर से फोन किया गया तो उसने कहा कि मुझे अब जॉब नहीं करनी हैै। प्रशासन ने उनकी नियुक्ति की जांच कराने का फैसला किया है।


मुंगराबादशाहपुर में तैनात फुल टाइम टीचर श्वेता उपाध्याय ने भी काउंसलिंग के लिए अपना मूल दस्तावेज बीएसए दफ्तर में जमा करने में असमर्थता जताई है। श्वेता उपाध्यायने कहा गया है कि 69000 शिक्षक भर्ती में उनका चयन हो गया है। उन्होंने देवरिया में काउंसलिंग करा ली है और मूल दस्तावेज वहीं जमा कर दिए हैं ।कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद इन विद्यालयों में तैनात सभी शिक्षक और कर्मचारियों की फिर से जांच कराई जा रही है । उनके सभी योग्यता प्रमाण पत्र जाचे जा रहे हैं । इसके लिए सभी के मूल दस्तावेज बीएसए कार्यालय में जमा कराए गए हैं । गुरुवार की शाम तक भी जब कुछ शिक्षिकाओं ने अपने मूल दस्तावेज जमा नहीं किए तो उन पर शक गहरा गया। बीएसए कार्यालय से संबंधित शिक्षिकाओं को फोन कर दस्तावेज जमा करने को कहा गया तो कुछ ने असमर्थता जताई है। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी का कहना है कि कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी कर रही जिन शिक्षिकाओं ने नौकरी छोड़ने की बात करते हुए काउंसलिंग के लिए शैक्षिक योग्यता प्रमाणपत्र जमा नहीं किए हैं, उनकी भी जांच कराई जाएगी।