प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती (69000 Assistant Teachers Recruitment) मामले
में उन शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्देश दिया है, जो पहले
से किसी जिले में इसी पद पर कार्यरत हैं और अब दूसरे जिले से काउंसलिंग के
लिए आवेदन किया है. कोर्ट ने कहा है कि उनका चयन परिणाम भी घोषित किया जाए
मगर नियुक्तिपत्र न जारी किया जाए. यदि जारी किया भी जाता है तो वह इस
याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा. कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश
सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है.
पहले से पढ़ा रहे सहायक अध्यापकों को नहीं मिल रही अनुमति
अनिल मिश्र और 61 अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की. याचीगण के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याचीगण पहले से सहायक अध्यापक के तौर पर पढ़ा रहे हैं. अब उन्होंने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में अन्य जिलों से काउंसिलिंग के लिए आवेदन किया है मगर उनको इसके लिए अनुमति नहीं दी जा रही है. अधिवक्ता ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी सकुर्लर के पेज 87 का हवाला देकर कहा कि इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे किसी सहायक अध्यापक को किसी भी लोक पद के लिए आवेदन करने से रोका जा सके. ऐसा करना उसके अवसर की समानता के मूल अधिकार का हनन होगा.
यूपी सरकार को 4 सप्ताह में देना है जवाब
कोर्ट ने प्रदेश सरकार और बोर्ड से इस मामले में जवाब मांगा था मगर उनकी ओर से ऐसा कोई प्रावधान नहीं बताया जा सका, जिससे किसी सहायक अध्यापक को दूसरे जिले से उसी पद के लिए आवेदन करने से रोका जा सके. कोर्ट ने इस मामले में चार सप्ताह में जवाब तलब किया है.
पहले से पढ़ा रहे सहायक अध्यापकों को नहीं मिल रही अनुमति
अनिल मिश्र और 61 अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की. याचीगण के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याचीगण पहले से सहायक अध्यापक के तौर पर पढ़ा रहे हैं. अब उन्होंने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में अन्य जिलों से काउंसिलिंग के लिए आवेदन किया है मगर उनको इसके लिए अनुमति नहीं दी जा रही है. अधिवक्ता ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी सकुर्लर के पेज 87 का हवाला देकर कहा कि इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे किसी सहायक अध्यापक को किसी भी लोक पद के लिए आवेदन करने से रोका जा सके. ऐसा करना उसके अवसर की समानता के मूल अधिकार का हनन होगा.
यूपी सरकार को 4 सप्ताह में देना है जवाब
कोर्ट ने प्रदेश सरकार और बोर्ड से इस मामले में जवाब मांगा था मगर उनकी ओर से ऐसा कोई प्रावधान नहीं बताया जा सका, जिससे किसी सहायक अध्यापक को दूसरे जिले से उसी पद के लिए आवेदन करने से रोका जा सके. कोर्ट ने इस मामले में चार सप्ताह में जवाब तलब किया है.