69000 शिक्षक भर्ती में प्रश्नों का विवाद बड़ा उलटफेर का कारण बन सकता है। वैसे तो अभ्यर्थियों ने 12 प्रश्नों के उत्तर पर आपत्ति की थी लेकिन उनमें से चार प्रश्नों को ही हाईकोर्ट में चुनौती दी।
यदि इन चार प्रश्नों के उत्तर बदलते हैं तो एक जून को जारी जिला आवंटन की सूची में बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा। सैकड़ों अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में सफल होकर शिक्षक भर्ती की रेस में शामिल हो जाएंगे जबकि सैकड़ों अन्य चयन सूची से बाहर भी होंगे।
जिला आवंटन में नाम आने के बाद हजारों अभ्यर्थी बुधवार से काउंसिलिंग कराने के लिए रातों रात अपने आवंटित जिले की ओर निकल पड़े थे। कोई उधार लेकर काउंसिलिंग कराने भागा तो कोई छोटे बच्चे को घर पर छोड़कर निकल गया। अब परिणाम बदलने के बाद जो अभ्यर्थी बाहर होंगे उनके ऊपर दु:खों का पहाड़ ही टूट पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि एक जून को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट का रुख देखने के बाद जिला आवंटन रोक देते तो आज हजारों लोगों को परेशानी न उठानी पड़ती।
परिणाम बदलने का चयन सूची पर क्या पड़ेगा असर: इसे इस प्रकार समझ सकते हैं। मान लिया की कोई ओबीसी वर्ग का शिक्षामित्र श्यामलाल 12 मई को घोषित परिणाम में दो नंबर से फेल था और हाईकोर्ट के आदेश पर उसे दो नंबर मिलते हैं और वह 90 नंबर पाकर पास हो गया।
अब देखें चयन सूची पर क्या असर होगा।
आइए उसका गुणांक देखें
हाईस्कूल में 70 प्रतिशत होने पर-7
इंटरमीडिएट में 70 प्रतिशत-7
स्नातक में 70 प्रतिशत-7
बीटीसी या बीएड में 70 प्रतिशत-7
69000 लिखित परीक्षा में 90 नंबर यानि 60 प्रतिशत-36
10 साल की सेवा के लिए भारांक प्रतिशत 2.5 अंक के हिसाब से अधिकतम 25 अंक।
इस प्रकार उक्त शिक्षामित्र का कुल गुणांक 89 हो गया। ऐसे में शिक्षामित्र श्यामलाल का नाम चयन सूची में शामिल हो जाएगा जबकि कम मेरिट वाले दूसरे अभ्यर्थी को बाहर होना पड़ेगा।
यदि इन चार प्रश्नों के उत्तर बदलते हैं तो एक जून को जारी जिला आवंटन की सूची में बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा। सैकड़ों अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में सफल होकर शिक्षक भर्ती की रेस में शामिल हो जाएंगे जबकि सैकड़ों अन्य चयन सूची से बाहर भी होंगे।
जिला आवंटन में नाम आने के बाद हजारों अभ्यर्थी बुधवार से काउंसिलिंग कराने के लिए रातों रात अपने आवंटित जिले की ओर निकल पड़े थे। कोई उधार लेकर काउंसिलिंग कराने भागा तो कोई छोटे बच्चे को घर पर छोड़कर निकल गया। अब परिणाम बदलने के बाद जो अभ्यर्थी बाहर होंगे उनके ऊपर दु:खों का पहाड़ ही टूट पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि एक जून को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट का रुख देखने के बाद जिला आवंटन रोक देते तो आज हजारों लोगों को परेशानी न उठानी पड़ती।
परिणाम बदलने का चयन सूची पर क्या पड़ेगा असर: इसे इस प्रकार समझ सकते हैं। मान लिया की कोई ओबीसी वर्ग का शिक्षामित्र श्यामलाल 12 मई को घोषित परिणाम में दो नंबर से फेल था और हाईकोर्ट के आदेश पर उसे दो नंबर मिलते हैं और वह 90 नंबर पाकर पास हो गया।
अब देखें चयन सूची पर क्या असर होगा।
आइए उसका गुणांक देखें
हाईस्कूल में 70 प्रतिशत होने पर-7
इंटरमीडिएट में 70 प्रतिशत-7
स्नातक में 70 प्रतिशत-7
बीटीसी या बीएड में 70 प्रतिशत-7
69000 लिखित परीक्षा में 90 नंबर यानि 60 प्रतिशत-36
10 साल की सेवा के लिए भारांक प्रतिशत 2.5 अंक के हिसाब से अधिकतम 25 अंक।
इस प्रकार उक्त शिक्षामित्र का कुल गुणांक 89 हो गया। ऐसे में शिक्षामित्र श्यामलाल का नाम चयन सूची में शामिल हो जाएगा जबकि कम मेरिट वाले दूसरे अभ्यर्थी को बाहर होना पड़ेगा।