69000 शिक्षक भर्ती : पास आकर हाथ से फिसली खुशी

69000 शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। बुधवार को काउंसलिंग से ठीक पहले हाईकोर्ट का फैसला आया तो चयनित अभ्यर्थियों के पास तक पहुंची खुशी मायूसी में बदल गई। इस शिक्षक भर्ती में मैनपुरी जनपद को 922 नए शिक्षक मिले हैं। इन शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया बुधवार से शुरू होनी थी। चयनित शिक्षक और उनके घरों में नौकरी को लेकर उत्सव जैसा माहौल था। चयनित आवेदकों को बधाईयां दी जा रही थीं लेकिन हाईकोर्ट का फैसला आते ही खुशियों में सन्नाटे का ग्रहण लग गया।

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया पिछले कई दिनों से चल रही है। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में सफल हुए अभ्यर्थियों की लिस्ट भी जारी हो गई थी। जो लोग चयनित हुए थे उनकी खुशियों का ठिकाना न था। घरों में सरकारी नौकरी मिलने का उत्सव मनाया जा रहा था। हालांकि लॉकडाउन के चलते खुशियां घरों तक सीमित थी लेकिन कड़ी मेहनत करके सफल हुए यह अभ्यर्थी खुशियों से सराबोर थे। बुधवार को डायट भोगांव पर काउंसलिंग कराने की तैयारियां शुरू हो गई थी लेकिन काउंसलिंग से ठीक पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दायर रिट याचिका पर कोर्ट ने स्टे दे दिया।
सचिव का निर्देश आया तो रोक दी गई काउंसलिंग
मैनपुरी। स्टे की खबर आते ही चयनित अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया और काउंसलिंग की खुशियां काफूर हो गईं। हाईकोर्ट का स्टे आते ही सचिव बेसिक शिक्षा विजय शंकर मिश्र ने बीएसए को पत्र भेजकर अग्रिम आदेशों तक काउंसलिंग रोके जाने के निर्देश दे दिए। सचिव के निर्देश आने के बाद बीएसए ने काउंसलिंग की प्रक्रिया रुकवा दी है। बीएसए का कहना है कि इस संबंध में अग्रिम आदेशों के बाद आगे की कार्रवाई कराई जाएगी।
आदेश आने से पहले कुछ आवेदन हो गए थे जमा
भोगांव। 69000 शिक्षक भर्ती की शुरुआत सुबह 10 बजे से हो गई थी। डायट प्राचार्य नरेंद्र पाल सिंह, बीएसए विजय प्रताप सिंह की देखरेख में काउंसलिंग शुरू कराई गई। अभ्यर्थियों के अभिलेख जांच के लिए जमा कराने का काम भी शुरू हो गया। भीड़ अधिक थी इसलिए तीन अलग-अलग स्थानों पर अभिलेख जमा कराए जा रहे थे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सामान्य वर्ग के पुरुष, महिला, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पिछड़ा वर्ग महिला-पुरुष एवं डायट में एससी-एसटी व दिव्यांग की काउंसलिंग किए जाने की व्यवस्था की गई थी। आदेश आने से पहले सामान्य वर्ग में महिला-पुरुष के 52, पिछड़ा वर्ग में महिला-पुरुष के 65, एससी-एसटी एवं विशेष आरक्षण से जुड़े 35 लोगों के अभिलेख जमा कर लिए गए थे लेकिन आदेश आने के बाद काउंसलिंग रुकवा दी गई।