नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UP 69000 Assistant Teacher: उत्तर प्रदेश 69000 सहायक शिक्षक भर्ती 2019 के अंतर्गत परीक्षा के कुछ प्रश्नों को लेकर हुए विवाद और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ
के निर्देशों के अनुरूप प्रश्नों को लेकर आपत्ति दर्ज कराने का अवसर जल्द
दिया जाएगा।
आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया और लिंक के बारे में जल्द ही घोषणा की जा सकती है। उम्मीदवारों को बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी की वेबसाइट पर सम्बन्धित अपडेट के लिए विजिट करते रहना चाहिए।
काउंसलिंग स्थगित - 3 जून 2020
इस बीच, हाईकोर्टे आर्डर के बाद बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश द्वारा 69000 सहायक अध्यापक भर्ती 2019 प्रक्रिया के अंतर्गत अंतिम चयन सूची में शामिल किये गये उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने के लिए 3 जून से 6 जून तक चलने वाली काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है। परिषद द्वारा यह निर्णय इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ द्वारा आज जारी किये गये स्टे-ऑर्डर के बाद लिया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा जारी स्थगन नोटिस
इलाहाबाद हाईकोर्ट स्टे-ऑर्डर - 3 जून 2020
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश 69000 सहायक अध्यापक भर्ती 2019 प्रक्रिया पर 3 जून 2020 को रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने सरकार को समिति गठित करके दो सप्ताह के भीतर विवाद समाप्त करने को कहा है। साथ ही, उम्मीदवारों को विभिन्न प्रश्नों के सम्बन्ध में आपत्ति दर्ज कराने का एक सप्ताह का अवसर दिये जाने के निर्देश भर्ती प्रक्रिया कर रहे परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को निर्देश दिये हैं। हाई कोर्ट द्वारा दिये गये आज के इस फैसले से आज से शुरु होने वाली काउंसलिंग पर प्रश्न-चिन्ह लग गया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने लिखित परीक्षा के कुछ प्रश्नों को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने 2 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी याचिका में आज फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया 2019 के अंतर्गत 8 मई के बाद की गयी कार्यवाहियों पर रोक लगाते हुए सरकार को समिति गठित करके प्रश्नों पर उठाये गये विवाद को समाप्त करने के निर्देश दिये हैं।
ये हैं हाई कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु
-कुल 14 प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खण्डपीठ में दायर थीं 200 से अधिक याचिकाएं
-यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत 8 मई 2020 के बाद की गयी कार्यवाहियों पर रोक
-उम्मीदवारों को विभिन्न प्रश्नों के सम्बन्ध में आपत्ति दर्ज कराने का एक सप्ताह का अवसर दिये जाने के निर्देश
-छात्रों की आपत्तियों को यूजीसी से पास समीक्षा के लिए भेजा जाएगा
-परिषद और एससीईआरटी के परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को दो सप्ताह के भीतर विवाद समाप्त करने के निर्देश
-अगली सुनवाई 12 जुलाई 2020 को होगी
अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की काउंसलिंग - 3 जून से 6 जून
बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश द्वारा 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के अंतर्गत अंतिम चयन और जिला आवंटन की 1 जून को जारी संयुक्त सूची में शामिल उम्मीदवारों की काउंसलिंग 3 जून से 6 जून 2020 तक होनी निर्धारित की गयी।
बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज ने सोमवार को जिला आवंटन सूची जारी किये जाने के बाद अगले चरण के अंतर्गत अब अतिम चयन सूची मे सम्मिलित किये गये उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिये जाने के लिए काउंसलिंग का आयोजन किया जाना है। परिषद द्वारा काउंसलिंग की तिथि 3 जून से 6 जून 2020 निर्धारित की गयी है।
काउंसलिंग पर लग रहे थे प्रश्न-चिन्ह
यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती 2019 के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली काउंसलिंग का आयोजन कल यानि 3 जून 2020 को शुरु किया जा सकेगा, इस सम्बन्ध में फिलहाल स्थिति स्पष्ट होती नहीं दिख रही है। पिछले वर्ष 6 जनवरी को आयोजित की गयी सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के कुछ प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गयी अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई न्यायालय द्वारा कल 1 जून 2020 को की गयी। उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में सम्बन्धित मामले की कल चली सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
माना जा रहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय दायर इन याचिकाओं पर आने वाले
निर्णय के इंतजार में ही बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा यूपी 69000 सहायक
अध्यापक भर्ती 2019 अंतिम चयन एवं जिला आवंटन सूची को कल, 1 जून को जारी
करने में देरी हुई थी। यदि हाई कोर्ट द्वारा परीक्षा के कुछ प्रश्नों को
लेकर उठे विवाद पर निर्णय बेसिक शिक्षा परिषद के पक्ष के विपरीत जाता तो
जारी अंतिम चयन एवं जिला आवंटन सूची को फिर तैयार करनी पड़ सकती थी।
हालांकि, उच्च न्यायालय द्वारा फैसले को सुरक्षित रखे जाने से परिषद द्वारा लिस्ट जारी की गयी है और काउंसलिंग पूर्व निर्धारित कार्यक्रम यानि 3 जून को होनी है। इस बीच काउंसलिंग कल से शुरु होने की स्थिति कल, यानि 3 जून को आने वाले कोर्ट के फैसले पर निर्भर करती है।
इन प्रश्नों को लेकर है विवाद
आइए नजर डालते हैं उत्तर प्रदेश 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के उन प्रमुख 4 प्रश्नों पर जिसके चलते हाईकोर्ट ने स्ट-ऑर्डर का फैसला दिया। हालांकि, कई अन्य याचिकाओं दूसरे प्रश्नों को लेकर भी विवाद उठाया गया है।
आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया और लिंक के बारे में जल्द ही घोषणा की जा सकती है। उम्मीदवारों को बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी की वेबसाइट पर सम्बन्धित अपडेट के लिए विजिट करते रहना चाहिए।
काउंसलिंग स्थगित - 3 जून 2020
इस बीच, हाईकोर्टे आर्डर के बाद बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश द्वारा 69000 सहायक अध्यापक भर्ती 2019 प्रक्रिया के अंतर्गत अंतिम चयन सूची में शामिल किये गये उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने के लिए 3 जून से 6 जून तक चलने वाली काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है। परिषद द्वारा यह निर्णय इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ द्वारा आज जारी किये गये स्टे-ऑर्डर के बाद लिया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा जारी स्थगन नोटिस
इलाहाबाद हाईकोर्ट स्टे-ऑर्डर - 3 जून 2020
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश 69000 सहायक अध्यापक भर्ती 2019 प्रक्रिया पर 3 जून 2020 को रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने सरकार को समिति गठित करके दो सप्ताह के भीतर विवाद समाप्त करने को कहा है। साथ ही, उम्मीदवारों को विभिन्न प्रश्नों के सम्बन्ध में आपत्ति दर्ज कराने का एक सप्ताह का अवसर दिये जाने के निर्देश भर्ती प्रक्रिया कर रहे परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को निर्देश दिये हैं। हाई कोर्ट द्वारा दिये गये आज के इस फैसले से आज से शुरु होने वाली काउंसलिंग पर प्रश्न-चिन्ह लग गया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने लिखित परीक्षा के कुछ प्रश्नों को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने 2 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी याचिका में आज फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया 2019 के अंतर्गत 8 मई के बाद की गयी कार्यवाहियों पर रोक लगाते हुए सरकार को समिति गठित करके प्रश्नों पर उठाये गये विवाद को समाप्त करने के निर्देश दिये हैं।
ये हैं हाई कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु
-कुल 14 प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खण्डपीठ में दायर थीं 200 से अधिक याचिकाएं
-यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत 8 मई 2020 के बाद की गयी कार्यवाहियों पर रोक
-उम्मीदवारों को विभिन्न प्रश्नों के सम्बन्ध में आपत्ति दर्ज कराने का एक सप्ताह का अवसर दिये जाने के निर्देश
-छात्रों की आपत्तियों को यूजीसी से पास समीक्षा के लिए भेजा जाएगा
-परिषद और एससीईआरटी के परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को दो सप्ताह के भीतर विवाद समाप्त करने के निर्देश
अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की काउंसलिंग - 3 जून से 6 जून
बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश द्वारा 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के अंतर्गत अंतिम चयन और जिला आवंटन की 1 जून को जारी संयुक्त सूची में शामिल उम्मीदवारों की काउंसलिंग 3 जून से 6 जून 2020 तक होनी निर्धारित की गयी।
बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज ने सोमवार को जिला आवंटन सूची जारी किये जाने के बाद अगले चरण के अंतर्गत अब अतिम चयन सूची मे सम्मिलित किये गये उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिये जाने के लिए काउंसलिंग का आयोजन किया जाना है। परिषद द्वारा काउंसलिंग की तिथि 3 जून से 6 जून 2020 निर्धारित की गयी है।
यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती 2019 के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली काउंसलिंग का आयोजन कल यानि 3 जून 2020 को शुरु किया जा सकेगा, इस सम्बन्ध में फिलहाल स्थिति स्पष्ट होती नहीं दिख रही है। पिछले वर्ष 6 जनवरी को आयोजित की गयी सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के कुछ प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गयी अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई न्यायालय द्वारा कल 1 जून 2020 को की गयी। उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में सम्बन्धित मामले की कल चली सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
हालांकि, उच्च न्यायालय द्वारा फैसले को सुरक्षित रखे जाने से परिषद द्वारा लिस्ट जारी की गयी है और काउंसलिंग पूर्व निर्धारित कार्यक्रम यानि 3 जून को होनी है। इस बीच काउंसलिंग कल से शुरु होने की स्थिति कल, यानि 3 जून को आने वाले कोर्ट के फैसले पर निर्भर करती है।
इन प्रश्नों को लेकर है विवाद
आइए नजर डालते हैं उत्तर प्रदेश 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के उन प्रमुख 4 प्रश्नों पर जिसके चलते हाईकोर्ट ने स्ट-ऑर्डर का फैसला दिया। हालांकि, कई अन्य याचिकाओं दूसरे प्रश्नों को लेकर भी विवाद उठाया गया है।