परीक्षा कराने वाली संस्थाओं पर उठ रहे सवाल: गलत सवालों की वजह से लगे सवालिया निशान, कोर्ट की ओर से विवादित प्रश्नों की जांच के लिए कमेटी भी हुई गठित

परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश की ओर से नौ जनवरी 2019 को कराई गई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा भी गलत प्रश्नों की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है।
कोर्ट को ओर से विवादित प्रश्नों की जांच के लिए यूजीसी ओर से विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने के निर्देश के बाद साफ हो गया है कि प्रश्नों को लेकर परीक्षार्थियों के तर्क में दम है। कोर्ट ने परीक्षार्थियों से भी विवादित प्रश्नों के बारे में अपना पक्ष रखने को कहा है।


परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से होने वाली 2018 एवं 2019 की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी ) में भी परीक्षार्थियों ने कई प्रश्नों को लेकर सबाल उठाए थे। जांच के बाद कई प्रश्नों के जवाब को बदला भी गया। परीक्षार्थियों ने सवाल उठाया है कि आखिर में कई स्तर पर जांच एवं मॉडरेशन के बाद तैयार होने वाले प्रश्नपत्र में पूछे जाने वाले सवाल गलत कैसे हो रहे हैं।

गलत प्रश्नपत्र बनाने वाले विशेषज्ञों पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से क्‍या कार्रवाई की गईं। हालत यह है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराई जाने वाली हर परीक्षा को लेकर सवालिया निशान लगता रहा है। इससे पहले 2018 में हुई 68,500 शिक्षक भर्ती के मूल्यांकन को लेकर परीक्षा नियामक पर गंभीर आरोप लगा था।