परिषदीय विद्यालयों की रीढ़ बनेंगे ‘शिक्षक संकुल’, क्या हैं इनके मुख्य उद्देश्य

प्रयागराज : जिले के बेसिक स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए शिक्षक संकुल के गठन की कवायद शुरू हो गई है। न्याय पंचायत समन्वय की जगह हर न्याय पंचायत में पांच-पांच शिक्षकों को शिक्षक संकुल बनाया जाएगा। शिक्षक संकुल के सदस्य इन स्कूलों की रीढ़ की भूमिका निभाएंगे।



राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने करीब आठ-नौ महीने पहले ब्लॉक संसाधन सह समन्वय और न्याय पंचायत समन्वय का पद समाप्त कर दिया था। ब्लॉक संसाधन सह समन्वय के स्थान पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के चयन के निर्देश दिए गए थे। 105 एआरपी के सापेक्ष 75 का चयन हो गया है जो कार्य कर रहे हैं। वहीं, न्याय पंचायत समन्वय की जगह शिक्षक संकुल के गठन का आदेश अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने 17 मार्च को जारी किया था। अब लॉकडाउन खत्म हो गया, इसलिए इनके गठन की कवायद शुरू कर दी गई। शिक्षक संकुल के सदस्य एआरपी के तालमेल से विद्यालय को आदर्श बनाने में मदद करेंगे।
क्या हैं इनके मुख्य उद्देश्य
’ न्याय पंचायत के विद्यालयों को फाउंडेशन लर्निग, अधिगम आधारित शिक्षण और शिक्षण संग्रह मॉड्यूल के क्रियान्वयन में सहयोग।

’सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, एसआरजी और एआरपी सदस्यों का वाट्सएप ग्रुप बनाना।

’ विद्यालयों में प्रभावी शिक्षण के लिए प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को फीडबैक देना।

एआरपी के सहयोग से इनके चयन के लिए बीईओ प्रस्तावित करेंगे। जिसका अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करेंगे। संकुल के सदस्य अपने विद्यालय में ही पढ़ाएंगे।

-विनोद मिश्र, जिला समन्वयक ट्रेनिंग