पूरा विवाद यह है ओबीसी की कट ऑफ अधिक रहने का, 🖋 वृजेन्द्र कश्यप

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👇👇👇👇👇 पूरा विवाद यह है ओबीसी की कट ऑफ अधिक रहने का

*मान लीजिए कि आपकी पहली चॉइस कानपुर है और दूसरी लखनऊ तो देखा जाएगा कि आपका सलेक्शन सामान्य में कानपुर में हो रहा है या नही अगर नही हो रहा तो देखा जाएगा कि ओबीसी में आपका कानपुर में हो रहा या नही अगर आपका ओबीसी में कानपुर में हो रहा तो आपको कानपुर दे दिया जायेगा(ओबीसी कोटे में)*

*और अगर 1st चॉइस में नही हुआ तो 2nd &3rd ऐसे ही देख कर आवंटन होगा इस वजह से बहुत से लोग जिनका जनरल में चॉइस नही मिल रही होगी उनका चयन ओबीसी कोटे में हुआ है* 

जिस वजह से ओबीसी की कट ऑफ हाई रही 
ये 68500 के ड्रामे के बाद हुआ है 

*पहले ऐसा नही होता था जैसे  ओबीसी के सलेक्शन की शुरुआत 65 से हुई तो उससे ऊपर ओबीसी वाले सभी सामान्य सीट पर जाते थे लेकिन इस वजह से उन्हें मनपसन्द जिला नही मिल पाता था इस वजह से 68500 में कुछ ओबीसी के अच्छी मेरिट वालो ने मुकदमा किया उसके फलस्वरूप ये 69000 में भी हुआ है*

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वृजेन्द्र कश्यप