अजमेर. कोरोना लॉकडाउन में शुरू हुई ऑनलाइन और वर्चुअल क्लास से
विश्वविद्यालयों-कॉलेज में शिक्षक भर्ती पर संकट बढ़ सकता है। अव्वल तो
केंद्र और राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। तिस पर तकनीकी
आधारित कक्षाओं के चलते भर्तियों में विलंब हो सकता है।
राज्य में संभाग, जिला, उपखंड स्तर पर 290 कॉलेज संचालित हैं। मौजूदा वक्त इनमें करीब 4 हजार रीडर और लेक्चरर कार्यरत हैं। इसी तरह 28 विश्वविद्यालयों में करीब 3800 शिक्षक कार्यरत हैं। इन विश्वविद्यालयों में 2000-01 तक विभागवार शिक्षकों की संख्या ठीक थी। अब शिक्षकों की संख्या लगातार कम हो रही है।
राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षक
कार्यरत प्रोफेसर- 3800 रिक्त पद-1440
कार्यरत रीडर- 6850, रिक्त पद-4000
कार्यरत लेक्चरर-8766 रिक्त पद-7145
विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में पीछे
संकाय-विभागवार विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में राज्य के विश्वविद्यालय बहुत पीछे हैं। यहां 60 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक कार्यरत है। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रति 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक है। सरकारी कॉलेज के भी हाल बुरे हैं। अजमेर, कोटा, बीकानेर, सीकर जैसे बड़े राजकीय महाविद्यालयों को छोड़कर अन्य में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं।
अब ऑनलाइन शिक्षण चुनौती...
विश्वविद्यालयों-कॉलेज में कोरोना लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षण और वर्चुअल क्लास चल रही हैं। यूजीसी और राज्य सरकार ने शिक्षकों को ई-कंटेंट, ई-लर्निंग वीडियो बनाकर अपलोड करने को कहा है। इससे शिक्षकों की भर्ती में विलंब होता दिख रहा है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 12 हजार पद रिक्त पद हैं। कॉलेज में 930 शिक्षकों की भर्ती होनी है।
आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से केंद्र/राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा चुकी है। नई भर्तियां की मंजूरी आसान नहीं है। विश्वविद्यालयों-कॉलेज के बजट में यूजीसी कटौती या कुछ समय तक नए प्रोजेक्ट स्थगित करने की तैयारी में है। सरकारों को नई भर्तियों पर वेतन-भत्तों के लिए संस्थानों को बजट देना जरूरी होगा।
राज्य में संभाग, जिला, उपखंड स्तर पर 290 कॉलेज संचालित हैं। मौजूदा वक्त इनमें करीब 4 हजार रीडर और लेक्चरर कार्यरत हैं। इसी तरह 28 विश्वविद्यालयों में करीब 3800 शिक्षक कार्यरत हैं। इन विश्वविद्यालयों में 2000-01 तक विभागवार शिक्षकों की संख्या ठीक थी। अब शिक्षकों की संख्या लगातार कम हो रही है।
राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षक
कार्यरत प्रोफेसर- 3800 रिक्त पद-1440
कार्यरत रीडर- 6850, रिक्त पद-4000
कार्यरत लेक्चरर-8766 रिक्त पद-7145
विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में पीछे
संकाय-विभागवार विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में राज्य के विश्वविद्यालय बहुत पीछे हैं। यहां 60 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक कार्यरत है। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रति 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक है। सरकारी कॉलेज के भी हाल बुरे हैं। अजमेर, कोटा, बीकानेर, सीकर जैसे बड़े राजकीय महाविद्यालयों को छोड़कर अन्य में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं।
अब ऑनलाइन शिक्षण चुनौती...
विश्वविद्यालयों-कॉलेज में कोरोना लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षण और वर्चुअल क्लास चल रही हैं। यूजीसी और राज्य सरकार ने शिक्षकों को ई-कंटेंट, ई-लर्निंग वीडियो बनाकर अपलोड करने को कहा है। इससे शिक्षकों की भर्ती में विलंब होता दिख रहा है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 12 हजार पद रिक्त पद हैं। कॉलेज में 930 शिक्षकों की भर्ती होनी है।
आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से केंद्र/राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा चुकी है। नई भर्तियां की मंजूरी आसान नहीं है। विश्वविद्यालयों-कॉलेज के बजट में यूजीसी कटौती या कुछ समय तक नए प्रोजेक्ट स्थगित करने की तैयारी में है। सरकारों को नई भर्तियों पर वेतन-भत्तों के लिए संस्थानों को बजट देना जरूरी होगा।