आपके फेसबुक आई डी, सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ कि आप शिक्षामित्रों को 18 सितम्बर को बैठक हेतु आमंत्रित किए है, इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
1---अपने देश के मा. यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने 2015 मे शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन आजतक कुछ नही किए और शिक्षामित्रों को धोखे का सामना करना पड़ा।
2-- उसी समय2015 मे ही तत्कालीन सांसद गोरखपुर एवं वर्तमान मे प्रदेश के मुखिया मा. योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने शिक्षामित्रों के संघर्ष मे साथ देने का वादा किए और सड़क से सदन तक लड़ाई मे साथ देने को कहे। उन्होने यह भी कहे कि यदि समस्या है तो उसका समाधान भी है। लेकिन शिक्षामित्रों को धोखा ही मिला।
3---समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्रों को बाहर करने हेतु अतिरिक्त परीक्षा लगाई गई। 68500 शिक्षक भर्ती मे मुख्यमंत्री जी ने शिक्षामित्रों के साथ अपने आवास पर 6मई 2018 को बैठक किए।बैठक मे तीन वरिष्ठ आई. ए. एस. अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक लगभग एक घंटे से अधिक चली थी और काफी सोच विचार कर सरकार अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए भर्ती मे पासिंग मार्क को कम किए और उसका शासनादेश भी जारी हुआ। लेकिन सरकार ने अपने और मुख्यमंत्री जी के वादे का पालन नही किए। और शिक्षामित्रों को पुनः धोखा मिला।
4--- दूसरी शिक्षक भर्ती 69000 पदो के लिए विज्ञापन जारी हुआ, विज्ञापन मे कोई पासिंग मार्क नही था। अभ्यर्थी खुशी खुशी परीक्षा देकर आए और परीक्षा के अगले दिन आज तक का सबसे हाई स्तर का न्यूनतम पासिंग मार्क 65%/60% का शासनादेश जारी कर शिक्षामित्रों को आपके सरकार द्वारा पुनः जबरजस्त धोखा दिया गया। आपके सरकार मे काफी मंत्री विधायक सांसद गण आजतक आश्वासन ही देते आए है।
5-- 2017 विधानसभा चुनाव मे भाजपा केद्वारा जारी संकल्प पत्र मे शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान तीन माह मे करने का वादा हुआ था और आज 54 माह मे भी पूरा नही हुआ, और पुनः आपके सरकार से शिक्षामित्रों को धोखा ही मिला।
उपरोक्त सभी बिन्दुओ के साक्ष्य के रूप मे मा. प्रधानमंत्री जी मा मुख्यमंत्री जी का अडिओ, फोटो आदि उपलब्ध है। आवश्यक्ता पड़ने पर आपको उपलब्ध करा दिया जाएगा।
महोदय, आपने सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश देकर आगामी 18 सितम्बर को शिक्षामित्रों के साथ बैठक करने जा रहे है, इससे शिक्षामित्र बहुत आशान्वित है। यदि आपको लगता है कि इस बैठक से कोई सार्थक नतीजा आएगा तो आप बैठक अवश्य करिए, हम सभी उस बैठक मे प्रतिभाग करेंगे। यदि बैठक केवल राजनीतिक और शिक्षामित्रों को गुमराह करने के उद्देश्य से कर रहे है तो यह बैठक रद्द कर दीजिए। क्योकि शिक्षामित्र सरकार से धोखा खाते खाते मरने के कगार पर खड़ा है। उसे धोखा मत दीजिएगा।
इसी आग्रह के साथ
अभय कुमार सिंह
शिक्षामित्र शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश