प्रयागराज : स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) ने कथित शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति मामले की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को एसआइटी नैनी स्थित सैम हिग्गिनबाटम यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलाजी एंड
साइंस (शुआट्स) पहुंची। यहां घंटों छानबीन के साथ ही नियुक्ति पाने वाले कई शिक्षकों के बयान दर्ज किए। टीम ने भर्ती और वेतनमान से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले। एसआइटी की तफ्तीश से शुआट्स प्रबंधन, शिक्षक व कर्मचारियों में खलबली मच गई है।शुआट्स प्रबंधन पर आरोप है कि 77 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी तरीके से सरकारी वेतन पर की गई थी। इनकी नियुक्ति कई साल पहले अलग-अलग विभाग के लिए हुई थी। उनका वेतनमान भी 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक है। इसमें कई शिक्षक सरकारी वेतन के साथ ही सोसायटी की ओर से मानदेय भी लेते हैं। इस संबंध में यूजीसी के साथ ही शासन से शिकायत की गई थी। शासन के निर्देश पर मामले की जांच के लिए लखनऊ के इंस्पेक्टर आरपी सिंह व अजय सिंह की एसआइटी बनाई गई है। गुरुवार दोपहर एसआइटी शुआट्स पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू की। भर्ती का विज्ञापन कब निकाला गया था, नियुक्ति से संबंधित नियमों का पालन हुआ था कि नहीं। नियुक्त शिक्षकों की अर्हता और शैक्षिक अनुभव व योग्यता का अनुसार भर्ती की गई थी अथवा नहीं। ऐसे ही कई और सवालों के जवाब एसआइटी तलाश करती रही। दस्तावेज संकलित करने के साथ ही कई शिक्षकों का मामले में बयान भी दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर आरपी सिंह व अजय सिंह ने बताया कि टीम तीन दिन तक कैंप करेगी। सभी साक्ष्य जुटाने के बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि इससे पहले शुआट्स के खिलाफ दर्ज 23 करोड़ रुपये गबन और मृत व्यक्तियों को जीवित बताकर फर्जीवाड़ा मामले की जांच भी एसआइटी की इसी टीम ने की थी।
’>>टीम ने वेतनमान से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले तीन दिन संस्थान में ही करेगी कैंप
’>>साक्ष्य जुटाने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी