बिना माडयूल के क्या पढ़ाना सीख रहे प्रशिक्षु शिक्षक
लखीमपुर : तमाम हूहुज्जत के बाद नौकरी पाए युवा अपने इस ट्रे¨नग पीरियड को शायद ही कभी भुला पाएं। जिले भर में ट्रेंड किए जा रहे चार हजार से ज्यादा महिला व पुरुष टीचरों को अब तक दिए गए प्रशिक्षण में ये ही पता नहीं कि उनको पढ़ाया क्या जा रहा है और तीन महीने के बाद उनको किस बात की परीक्षा देनी होगी। इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि जो बड़े गुरुजी गुरुओं की नई खेप तैयार कर रहे हैं उनको अभी तक पूरे माडयूल ही नहीं मिल पाए हैं।
लखीमपुर : तमाम हूहुज्जत के बाद नौकरी पाए युवा अपने इस ट्रे¨नग पीरियड को शायद ही कभी भुला पाएं। जिले भर में ट्रेंड किए जा रहे चार हजार से ज्यादा महिला व पुरुष टीचरों को अब तक दिए गए प्रशिक्षण में ये ही पता नहीं कि उनको पढ़ाया क्या जा रहा है और तीन महीने के बाद उनको किस बात की परीक्षा देनी होगी। इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि जो बड़े गुरुजी गुरुओं की नई खेप तैयार कर रहे हैं उनको अभी तक पूरे माडयूल ही नहीं मिल पाए हैं।