भोपाल। 80 के दशक में मप्र की स्कूली शिक्षा का लोहा पूरा देश मानता
था। धीरे धीरे उच्च अधिकारियों ने पढ़ाई के तरीके बदलने शुरू कर दिए और
शिक्षा का स्तर गिरता चला गया, लेकिन अब शिक्षा विभाग वापस पुराने पेटर्न
पर लौटता दिख रहा है। विभाग चाहता है पढ़ाई का तरीका कुछ भी हो, परिणाम
बेहतर होना चाहिए।
स्कूलों में 1980
के दशक में जैसी पढ़ाई होती थी, ठीक वैसे ही नजारे देखने को मिलेंगे।