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प्राइमरी भर्ती पर Readers View : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

सुप्रीमकोर्ट में प्राइमरी भर्ती पर पिछले 1 साल से जारी सुनवाई में , हर सुनवाई के बाद एक नया जिन्न निकलता है । जो चंदे के खेल को जारी रखता है । हर बार हम विजयी होते है जिन्न को मारकर , लेकिन कुछ चालाक लोग इस कार्य में महारथी है की उन्हें लूटपाट की व्यस्था और नेतागीरी कैसे जारी रखनी है ।
25 मार्च को मिले अंतरिम ऑर्डर के बाद साधना मिश्रा का जिन्न निकला जिसे हमने हाई कोर्ट की बोतल में बन्द किया ।
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उसके बाद 26 नवम्बर से 17 दिसम्बर की सुनवाई के बाद मिले ऑर्डर से 105/97 का नया जिन्न बोतल से निकला जिसे लेकर खूब लूटपाट हुई और कई नए नेता पैदा हो गए । लेकिन महज 2 महीने बाद 25 फ़रवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ही इस जिन्न को बोतल में बन्द कर दिया । ये पहली ऐसी सुनवाई हुई जिसमे कोर्ट ने किसी को कोई नया मुद्दा नहीं दिया तो कुछ चालाक लोगो का खर्च चलना और खाली समय काटना मुश्किल हो गया उसके बाद उन्होंने वर्गीकरण का मुद्दा खूब गाजे-बाजे के साथ सुरु किया । लेकिन ये जिन्न बेचारा बोतल से बाहर ही नहीं आ पाया और इसके आका केवल उस बोतल को दिखा कर सबको डराते ही रह गए । अब 5 मई की सुनवाई के बाद एक नया जिन्न बाहर निकला है फर्जीवाड़ा । जिस पर सारे हथकंडे अपनाये जा रहे । खूब लूटपाट हो रही है । चयनितों और अच्यनितो सबको खूब लूटा जा रहा है । मिडिया के माध्यम से भी सबको खूब उल्लू बनाया जा रहा है । फ़िलहाल ये एकदम ताज़ा और नया मुद्दा है और इस पर अगली सुनवाई तक जंग जारी रहेगी ।अगर बहुत बारीकी से पूर्व में घटी सभी घटनाओ का विश्लेषण किया जाये तो पता चलेगा की लखनऊ में बैठे कुछ सातिर लोग जिम्मेदार है इन सबके पीछे । इनका स्टैंड कभी साफ़ नहीं होता की ये करना क्या चाहते है और किसके साथ खड़े है । ये लोग चयनित और अचयनित दोनों तरफ है और सबको उलझा कर इस भर्ती को राजनीती और कोर्ट का अखाड़ा बना रखा है । दिल्ली में दारूबाजी और मारपीट करते है उसके बाद वापस आकर सबके हितैषी बन जाते है । बजट 50 लाख बनाते है लेकिन वकील सुनवाई की रात में भी नहीं मिलता । 50 हजार के वकील को 2.5 लाख पेमेंट किया जाता है उसके बाद भी इनके खर्चे का हिसाब-किताब तो चित्रगुप्त देंगे सबके मरने के बाद । जिस फर्ज़ीवाड़े में ये माहिर है मतलब लूटपाट वो मुद्दा तो किसी कोर्ट में है ही नहीं और जो फर्जीवाड़ा महज 1 हजार के लगभग है उसे 20 हजार बताया जाता है ।
इन सबसे बचने का एक ही उपाय है की इस भर्ती पर अब अंतिम मुहर लग जाये और सब अपने-अपने घर जाए ।
सभी चयनित एक होकर अब केवल सुजीत भाई और अनिल कुंडू को सपोर्ट करे क्योकि इनका स्टैंड एकदम साफ़ है और फालतू की राजनीती से दूर है । लख़नऊ वाले चालाक नेता जी लोगो को अब scert की खुदाई के लिए छोड़ दिया जिसमे वो जादा माहिर है । अब ये कोर्ट में लड़ने के काबिल नहीं रहे क्योकि अच्यनितो का विश्वास ये पहले ही खो चुके थे और पिछले दिनो घटित घटनाओ ने चयनितों का विश्वास भी खत्म कर दिया । अगली सुनवाई पर भी इंनके पास कोई सीनियर वकील खड़ा करने का इंतज़ाम होगा या नहीं ये सुनवाई के दिन ही पता चलेगा इसलिए उसको सपोर्ट किया जाये जिसने आज ही साफ़ कर दिया हो की हर सुनवाई पर अब चयनितों की तरफ से एक वकील हर हाल में रहेगा मतलब सुजीत भाई और कुंडू । इसलिए अब टेट मोर्चा के नाम पर राजनीती की रोटियाँ सेक रहे नेताओ को छोड़ कर आगे बढ़ने का समय आ गया है जिससे हम शांति से जॉब कर सके ।
जय टेट

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