परमादेश याचिका 167/2015 : ये सबसे पहली याचिका है जिसमे article 21 A का उल्लेख था : हिमांशु राणा

आरटीई एक्ट के इतिहास की पहली परमादेश याचिका 167/2015 Himanshu Rana & oths vs Union of India & oths की ऑफिस रिपोर्ट जिसमे उसके बाद की समस्त याचिकाएं टैग कर दी गई है :- ये सबसे पहली याचिका है जिसमे article 21 A का उल्लेख था
और जैसा की माननीय न्यायालय साफ़ कर चुकी है कि अब बहस इसी को लेकर होगी तो साफ़ कर दूँ ये मदर रिट है इसके अलावा समस्त टेट उत्तीर्ण की नियुक्ति का आदेश किसी भी याचिका पर नहीं आएगा |
ये एकमात्र याचिका है जिसकी प्लीडिंग समाप्ति की ओर है क्योंकि इसमें आये काउंटर का उल्लेख 2 November 2015 के आदेश में हो चूका है बाकी किसी भी अन्य याचिका पर नोटिस तक नहीं है , अब जो होना है इसी पर होना है बाकी बेरोजगार स्वयं से समझें कि किसने आजतक किसका शोषण किया है ?
फिलहाल समझदार व्यक्तित्व के लोग समझ सकते हैं मैं कहना क्या चाहता हूँ बाकी हठधर्मी लगातार बेरोजगारों के शोषण के लिए दिल्ली प्रस्थान करते ही हैं |
हर हर महादेव
धन्यवाद
आपका कार्यकर्ता
हिमांशु राणा


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