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अनुदेशकों की भर्ती के लिए शासनादेश जारी: देखें शासनादेश को कॉपी

अमर उजाला ब्यूरो/ मुजफ्फरनगर बेसिक शिक्षा परिषद के 12 शिक्षक गायब हो गए हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त कई अध्यापक तीन साल से गैर हाजिर हैं, जबकि आठ शिक्षकों का छह माह से कोई अता-पता नहीं है। विभागीय नोटिस के बावजूद ड्यूटी पर नहीं लौटे।
अब शिक्षकों की बर्खास्तगी की तैयारी की जा रही है।  
बेसिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षकों को बंपर नौकरियां मिली हैं। ज्यादातर स्कूलों में अनुपात की दृष्टि से बच्चे कम और शिक्षक ज्यादा हैं। ऐसे माहौल के बाद भी जिले के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में तैनात 12 शिक्षकों का कोई अता-पता नहीं है। मूल विद्यालयों में तैनाती पाए यह अध्यापक न तो बच्चों को पढ़ाने आते हैं और न ही इन्होंने कोई अवकाश लिया है।

कई शिक्षिका तो वर्ष 2013  से अनुपस्थित हैं। पुरकाजी विकास खंड के गांव अब्दुलपुर और भोजाहेड़ी के उच्च प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका नीरजा चौधरी और प्रेरणा गोयल बीते तीन साल से विद्यालय नहीं आई हैं। पुरकाजी के ही तुगलकपुर गांव की प्राइमरी पाठशाला के शिक्षक प्रबोद्ध दीपक डेढ़ साल से गैरहाजिर हैं।    

खतौली विकास खंड के हालात तो ज्यादा ही गैर जिम्मेदाराना पाए गए हैं। प्राथमिक विद्यालय चितौड़ा से जूही कुकरेजा, खतौली ग्रामीण से शैफाली शर्मा, वाजिदपुर से मनीषा, रायपुरनंगली से हरेंद्र कुमार, मुजाहिदपुर नंबर एक से पारुल गुप्ता, कैलाशनगर से पवन कुमार पिछले छह माह से ज्यादा समय से अपनी ड्यूटी से गायब हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय छछरपुर से ऋची गुप्ता और चिंदौडा से पंकज वर्मा भी अनुपस्थित हैं।

 अभी तक की जांच में गैर हाजिर मिले सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन किसी का भी कोई जवाब नहीं मिला। शासनादेशों के मुताबिक बीएसए के निर्देश पर सरकारी स्कूलों से नदारद 12 टीचर्स को पुन: बर्खास्तगी की चेतावनी का नोटिस भेजने की तैयारी है। मामला संज्ञान में आने के बाद जिले के अन्य विकास खंडों में तैनात ऐसे अध्यापकों की खोजबीन शुरु हो गई है, जो लंबे अरसे से गैर हाजिर चल रहे हैं।    

पांच साल से स्कूल नहीं आई अंजलि    
मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना के गांव मोहम्मदपुर रायसिंह के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका अंजलि शर्मा तो पांच साल से स्कूल ही नहीं आई हैं। एक जुलाई 2011 के बाद उनकी उपस्थिति रजिस्टर में नहीं है। आखिर क्यों इतने लंबे समय से गायब सहायक अध्यापिका के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई पूरी नहीं की गई। विभाग में मनमर्जी का आलम यह है कि बीईओ और बीआरसी के बाबुओं की शह पर कई शिक्षक बिना आए तनख्वाह पा रहे हैं। जांच का विषय यह भी है कि अनुपस्थित 12 शिक्षकों में से किसी का वेतन तो जारी नहीं किया गया।
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