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जूनियर भर्ती का क्या होगा जब भर्ती के नियम अवैध करार दिए हों

इलाहबाद हाई कोर्ट के 3 जजों की बैंच टेट वेटेज इग्नोर न करने को बोल चुकी थी, साथ ही हाई कोर्ट की डबल बेंच  ने शुद्ध अकादमिक से भर्ती के 15 वें संसोसधन को निरस्त कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी उत्तरप्रदेश सरकार ने शुद्ध अकादमिक अंको से जूनियर भर्ती कर डाली।

अब जब नियम निरस्त हो और भर्ती हो जाए तो ऐसे में क्या होगा, क्या कोर्ट कोई मध्यस्थ रास्ता निकालेगा या  सम्पूर्ण भर्तियां निरस्त होंगी।
जानकार कहते है कि कानून लिखित सिस्टम पर चलता है और ऐसा कई बार हुआ है कि अवैध नियमो से भर्ती पूर्णत निरस्त हुई है, और भर्ती नए सिरे से किये जाने के आदेश दिए हैं।
तो यह जरुरी नहीं की कोर्ट कोई मध्यस्थ रास्ता निकाले,
हालाँकि इसकी सम्भावना भी हो सकती है कि
 कि  कोर्ट उन्ही आवेदकों को टेट वेटेज से भर्ती किये जाने का आदेश दे
या फिर पिछले 12वें संसोधन की टेट मेरिट से।

इलाहबाद हाई कोर्ट के सुधीर अग्रवाल जी की बेंच ने अपने आर्डर में गलती सुधार कर भर्ती किये जाने का एक मौका दिया था।
लेकिन अब चीफ जस्टिस बेंच  के हालिया फैसले ने  इसको तवज्जो नहीं दी
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