मानव संसाधन विकास मंत्रालय का योग्यता में छूट देने से इन्कार
कानपुर(ब्यूरो)। इलाहाबाद हाईकोर्ट से सहायक अध्यापक पद का समायोजन रद्द होने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय से राहत की उम्मीद पाले यूपी के 1.68 लाख शिक्षामित्रों को वहां से भी झटका लगा है। आरटीआई के तहत मांगी गई
जानकारी पर अपने जवाब में मंत्रालय ने शिक्षकों की नियुक्ति की नियमावली या फिर अर्हता में किसी तरह के फेरबदल से इनकार कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि नियुक्ति की अर्हता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) तय करती है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सहित अर्हता के अन्य मामलों में केंद्र सरकार सीधे छूट नहीं दे सकती। यह अधिकार सिर्फ एनसीटीई की पास है। इसका मतलब यह है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति की अर्हता में छूट संभव नहीं है। यूपी में तैनात 1.34 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर हुआ था। 34 हजार शिक्षामित्रों की ज्वाइनिंग जल्द होनी थी लेकिन हाईकोर्ट ने सबका समायोजन रद्द कर दिया। अब मामले की सुनवाई 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। इससे पहले ही उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा के महामंत्री दुर्गेश प्रताप सिंह ने आरटीआई के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सूचना मांग ली।
•सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मंत्रालय ने दी जानकारी
•कहा- गेंद एनसीटीई के पाले में, केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कानपुर(ब्यूरो)। इलाहाबाद हाईकोर्ट से सहायक अध्यापक पद का समायोजन रद्द होने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय से राहत की उम्मीद पाले यूपी के 1.68 लाख शिक्षामित्रों को वहां से भी झटका लगा है। आरटीआई के तहत मांगी गई
जानकारी पर अपने जवाब में मंत्रालय ने शिक्षकों की नियुक्ति की नियमावली या फिर अर्हता में किसी तरह के फेरबदल से इनकार कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि नियुक्ति की अर्हता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) तय करती है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सहित अर्हता के अन्य मामलों में केंद्र सरकार सीधे छूट नहीं दे सकती। यह अधिकार सिर्फ एनसीटीई की पास है। इसका मतलब यह है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति की अर्हता में छूट संभव नहीं है। यूपी में तैनात 1.34 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर हुआ था। 34 हजार शिक्षामित्रों की ज्वाइनिंग जल्द होनी थी लेकिन हाईकोर्ट ने सबका समायोजन रद्द कर दिया। अब मामले की सुनवाई 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। इससे पहले ही उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा के महामंत्री दुर्गेश प्रताप सिंह ने आरटीआई के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सूचना मांग ली।
•सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मंत्रालय ने दी जानकारी
•कहा- गेंद एनसीटीई के पाले में, केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती
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