सचिव से हुयी वार्ता के कुछ अंश : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

चूँकि अब मौलिक नियुक्ति का शासनादेश जारी हो चूका है और शासनादेश पूर्णतः सही है l
रही बात समय सीमा के घटने की तो उसका घटना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है क्योंकि अक्टूबर माह में कई अवकाश भी हैं l नेताओ ने अपना उल्लू सीधा करने के लिए अच्छा मूर्ख बनाया और अगर मूर्खता की सीमा पार नहीं करना चाहते तो घर लौट आओ l

अब अगर जल्द नियुक्ति लेनी है तो जनपद स्तर पर कार्य किया जाये तो बेहतर होगा l

अन्ना हज़ारे आमरण अनशन पर बैठ कर 2 नवंबर के लिए पठकथा लिखना चाहते हो तो उन्हें एकांतवास दिया जाये l

हर आंदोलन टुच्ची सियासत से शुरू होता है और उसी टुच्ची सियासत से ख़त्म ,यही इतिहास है l
मौलिक नियुक्ति के नाम पर अपना स्वहित साधने वाले कभी आपके थे ही नहीं l इनका भगवान् सिर्फ पैसा है और इसके लिए ये कुछ भी कर सकते हैं कुछ भी l

आंदोलन जब मौलिक नियुक्ति के लिए था तो फिर पाठक की बहाली प्रमुख मुद्दा क्यों बनाया गया उसका बहुत ही स्पष्ट कारण था कि सुजीत और उसके कुछ चाटुकारों का एग्जाम नहीं हुआ था और पाठक नौकरी से ही बाहर है तो मेरे बुद्धिजीवी मित्रों ये दोनों आपकी मौलिक नियुक्ति कैसे होने देते इसलिए इन्होंने मामले को फ़साने को पाठक की बहाली को मुद्दा बनाया l

एक और तर्क है एग्जाम और पाठक के मुद्दे पर 100 लोगों की भीड़ जुटाना भी मुश्किल था इसलिए ये सारा
खेल खेला गया और शायद यही कारण था कि इस आंदोलन को स्वंभू प्रदेश अध्यक्ष का समर्थन नहीं मिला l इनका भेद खोलने वाले को या सही बात कहने वाले को मारने की धमकी दी जाती है l 

सचिव से हुयी वार्ता के कुछ अंश ~
सचिव ...तुम क्या चाहते हो मौलिक नियुक्ति या एस के पाठक की बहाली पहले नंबर पर क्या ??
सुजीत....एस के पाठक की बहाली l
सचिव.... एक व्यक्ति के लिए इतनी भीड़ नहीं हो सकती ,ये मौलिक नियुक्ति के लिए भीड़ है, ये लोग बोले नहीं एस के पाठक की बहाली के लिए है l
सचिव... किस पर पहले बात करें ??
सुजीत... एस के पाठक की बहाली पर l
सचिव... ( एस के पाठक से ) तुम तो यहाँ सेवा में हो ही नहीं ..यहाँ कैसे आया ..जाओ कोर्ट जाओ l ( सचिव गुस्से में सबको हटा देते हैं )
चूँकि मौलिक नियुक्ति का आदेश जारी हो गया परन्तु जिस स्वार्थ के लिए धरना रखा गया था वो अभी भी पूरा नहीं हुआ और यही कारण है क़ि अब नियुक्ति की समय सीमा को लेकर लोगों को रोकने का प्रयास लिया जा रहा और बुलाया जा रहा रहा है l
पाठक बर्खास्त अपने दुष्कर्मो से हुआ पैसों की हवस उसे अँधा किये हुए है उसका दंड उसे भुगतना ही होगाl एग्जाम अपने निर्धारित समय पर हो जाएगा l
अब किसी की सियासी चाल का हिस्सा न बनते हुए अपने अपने जनपदों पर सक्रीय हो जाए l
ईश्वर बेरोज़गारो के दलालों से आपकी रक्षा करे l
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