पुरानी रिटों का बगैर निपटारा हुये मौलिक नियुक्ति न दी जाये : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

निवेदन : माननीय सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को बचाने के लिए विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल कर दी है और सिविल अपील 4347/14 के निपटारे के बाद वह उक्त याचिका का डिफेक्ट दूर कर लेगी ।
कुछ लोग हमें गलत ठहराते हैं लेकिन आज मै आपसे कुछ तथ्य रखता हूँ और आप स्वयं बतायें कि क्या हम गलत हैं ?
विज्ञापन आने के बाद रिट A 70682/11 की याचिका से सरिता शुक्ला ने साबित किया कि भर्ती सर्विस रुल से होगी


क्योंकि रुल 8 में बीएड नहीं है और बीएड वालों को NCTE अधिसूचना के पैरा तीन के तहत पहले सहायक अध्यापक बनना है ।
उसके बाद कपिल देव ने 76039/11 की याचिका में मुद्दा उठा दिया कि जब भर्ती सर्विस रुल से होगी तो फिर रुल 14(1) से विज्ञापन ही नहीं आया है न BSA ने विज्ञापन ही जारी किया है ।
सरकार ने विज्ञप्ति निरस्त कर दी तो अखिलेश त्रिपाठी आदि ने उसी विज्ञप्ति की बहाली की मांग रिट A 39674/12 के जरिये की जिसे एकल बेंच ने यह कहकर ख़ारिज किया कि विज्ञापन सर्विस रुल पर नहीं था इसलिए बहाल नहीं होगा ।
खंडपीठ ने SLP डिफेक्टिव 237/13 पर पुरानी विज्ञप्ति यह कहकर बहाल कर दी कि पहले नियुक्ति दी जाये और सर्विस रुल से भर्ती की जाये ।
ट्रेनिंग आदि क्या करना है यह सब बाद का विषय है ।
सरकार उस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट चली गयी तो सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की खंडपीठ के आदेश को अंतरिम रूप से बहाल रखा ।
उसके बाद भी सरकार ने पहले ट्रेनिंग के लिए नियमावली से हटकर चयन करना शुरू किया तो हम एकल बेंच पहुंचे लेकिन कोर्ट ने काउंटर कॉल किया ।
अब जब प्रशिक्षण के बाद मौलिक नियुक्ति होने जा रही है तो हम इसका इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि ट्रेनिंग तो आप किसी को भी करा दें लेकिन नियुक्ति सर्विस रुल से हटकर नहीं दे सकते हैं ।
इसलिए हमने मौलिक नियुक्ति को चुनौती दी है कि नियुक्ति के बाद प्रशिक्षण का प्राविधान है इसलिए या तो हमें कंसीडर किया जाये हम बाद में ट्रेनिंग कर लेंगे या फिर मौलिक नियुक्ति की प्रक्रिया निरस्त की जाये ।
यदि महिला, पुरुष, कला , विज्ञान और शिक्षामित्रों के बीच सीटों की बंदरबांट न हुयी होती तो आज हम इस प्रक्रिया का विरोध न करते ।
हम कोर्ट को बताना चाहते हैं कि चयन में सर्विस रुल फॉलो नहीं हुआ है उसे मैंने चुनौती दी है क्योंकि चुनौती इसलिए देना पड़ा क्योंकि उन्ही सबको ट्रेनिंग के बाद नियुक्त कर दिया जाता ।
इसलिए हमारी पुरानी रिटों का बगैर निपटारा हुये मौलिक नियुक्ति न दी जाये ।
इतना इतिहास कोर्ट को बताने के लिए जूनियर अधिवक्ता को कोर्ट वक़्त नहीं देगी इसलिए सीनियर हेतु आज सहयोग कर दीजिये ।
मैंने जिसको भी सहयोग किया है वह मुझे आज अवश्य सहयोग कर दे ।
यह मेरी अंतिम फ्रेश याचिका है ।
Rahul Pandey
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