नियुक्ति मामले में सरकार से जवाब तलब , तीन हफ्ते में मांगा जवाब : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

प्रदेश के प्रमुख सचिव (नियुक्ति) राजीव कुमार का पद पर बने रहना उनके लिए मुसीबत बन सकता है। हाईकोर्ट ने इनके पद पर बने रहने की वैधता को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य
सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
याचिका में राजीव कुमार को नोएडा भूमि घोटाले में सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उनके पद पर बने रहने पर सवाल खड़े किए गए हैं। याचिका की सुनवाई 15 जनवरी को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने पूर्व डीजीपी पंजाब जेएफ रिबेरो एवं अन्य पूर्व आईपीएस अधिकारियों की जनहित याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इतने महत्वपूर्ण पद पर सजायाफ्ता अधिकारी को क्यों तैनात किया गया है। इसके पीछे क्या कारण है। मालूम हो कि राजीव कुमार जब नोएडा में डिप्टी सीईओ पद पर तैनात थे, तो उन पर प्लाट आवंटन में घपला करने का आरोप लगा था। सीबीआई कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। विशेष सीबीआई अदालत गाजियाबाद ने राजीव कुमार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) एवं 13 (1-डी) के तहत दोषी करार देते हुए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील पर सजा पर रोक लगा दी गई है। याचियों का कहना है कि इसी घोटाले में पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव सह अभियुक्त थीं। सजा के बाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर सरकार ने उनको हटा दिया था।
कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्ते में मांगा जवाब
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की मांग में दाखिल पूरक हलफनामे का राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश तिवारी तथा न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने अधिवक्ता अनूप बर्नवाल की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि लोकायुक्त चयन प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले से जारी थी, बाद में विधानसभा में कानून में बदलाव किया, जो राज्यपाल की सहमति के लिए विचाराधीन है। याची का कहना है कि पहले से जारी चयन प्रक्रिया में कानून में बदलाव का असर नहीं होगा। इसलिए सर्च कमेटी गठित कर मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश एवं विपक्षी नेता बैठक कर लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का समादेश जारी करें। याचिका की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

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