Breaking Posts

Top Post Ad

16448 शिक्षक भर्ती में अनदेखी से बाहर हुआ बीटीसी 2013 बैच

प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले साल 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में शामिल होने के लिए जो जतन बीटीसी 2012 बैच के युवाओं ने किए, कमोवेश वैसे ही हालात 16448 शिक्षकों की भर्ती में बीटीसी 2013 बैच के हैं।
दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि इस बार शासन ने न्यायालय के आदेश का हवाला देकर शासनादेश जारी होने की तारीख तक अर्ह युवाओं को शामिल होने के लिए कहा है, जबकि पिछली बार आवेदन की अंतिम तारीख तक अर्ह हुए युवाओं ने दावेदारी कर दी थी। 1बीटीसी प्रशिक्षण पा चुके युवाओं के शिक्षक भर्ती में शामिल न होने की प्रमुख वजह अफसरों की मनमानी कार्यशैली एवं अनदेखी है। खास बात यह है कि प्रदेश में बीटीसी सत्र लेट होने की शुरुआत 2013 बैच से ही हुई थी, लिहाजा उसके युवाओं को मौका गंवाने की कीमत भी चुकानी पड़ी है। असल में प्रदेश सरकार के निर्देश पर सूबे में निजी कालेजों को बड़े पैमाने पर संबद्धता बांटी गई थी, उनकी सीटें भरने के लिए कई बार काउंसिलिंग कराई गई।
 इसीलिए सत्र शुरू होने में काफी देरी हुई। इसका असर आगे के सत्रों में भी हुआ है और अब तक गाड़ी पटरी पर नहीं आ सकी है। लेटलतीफी का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने पर बीटीसी सत्र नियमित करने की रूपरेखा तय हुई है। 2014 का सत्र शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर सितंबर 2015 में शुरू हुआ और अब बीटीसी 2015 सत्र भी उसी की गाइड लाइन पर शुरू होना है। सत्र नियमित करने का जिम्मा शीर्ष कोर्ट ने जिन्हें दिया गया है वह महकमा परिणाम आदि जारी करने को लेकर सतर्क नहीं रहा। इसीलिए बीटीसी 2013 सत्र 28 मार्च 2014 से शुरू होकर 28 मार्च 2016 को प्रशिक्षण पूरा हो गया, यही नहीं सात मई तक चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा भी करा ली गई, लेकिन परिणाम अब तक लंबित है। रिजल्ट न जारी हो पाने से हजारों अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती से बाहर हो गए। वह अब शासन व बेसिक शिक्षा परिषद के अफसरों का घेराव करके भर्ती में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का दर्द भी लाजिमी है उनका कहना है कि जब प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम नहीं निकला है तो उसमें उनकी गलती क्या है।
http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Facebook