जूनिअर में याची लाभ का झांसा : वसूली होगी ०२ करोण से २५ करोण के बीच :
जूनिअर टेट पास को याची लाभ का झांसा देकर टेट मोर्चे के चन्दा चोरों के गिरोह ने एक बार फिर से करोणों रुपये ऐठने की प्लानिंग कर ली है. इस बार जाल पुराना है लेकिन शिकार नए हैं.
टेट संगठनों में याची लाभ के आधार पर वसूली का नया दौर तब शुरू हुआ जब प्राइमरी भर्ती में के आधार पर कुछ तदर्थ नियुक्तियां दी गईं. प्राइमरी में जो याची लाभ दिया गया था वह इस आधार पर कि सीटें रिक्त थीं और सरकार नें एकेडमिक टीम के हितों और (संभवतः) अनुरोध का भी ध्यान रखकर इसपर कोई आपत्ति नहीं की थी. इन याचियों को भी मौलिक नियुक्ति देने से सरकार ने साफ़ मना कर दिया और इनका भी भविष्य सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन है. सीटें भर जाने के बाद आगे सरकार नें कोई भी याची राहत के आधार पर ना तो नियुक्ति दी है ना ही देगी और अब सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को ऐसा कोई आदेश नहीं दे पा रही है. इसके अलावा याची लाभ की मांग के समय सुप्रीम कोर्ट को भी नए हजारों याचियों के आने का अंदेशा नहीं था, इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई नई आई०ए० स्वीकार नहीं की जायेगी.
जूनिअर में याची लाभ का लालच देकर ०२ करोण से लेकर २५ करोण से अधिक तक की वसूली के लिए टेट मोर्चे ने हर जिले में अपने एजेंटों को सक्रिय कर दिया है. फेसबुक पर भी कुछ लोग मूर्खतावश और कुछ लोग कमीशन के लालच में टेट मोर्चे के इस मायाजाल का प्रचार-प्रसार करके शिकार फांसने में लगे हैं.
जूनिअर भर्ती का मामला हाई कोर्ट से होकर सुप्रीम कोर्ट जाना तय था. जूनिअर भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचाने से नुकसान टेट मेरिट का ही होना था क्योंकि यह भर्ती एकेडमिक मेरिट से हुई है और इसके साथ ही एकेडमिक मेरिट से हुई अन्य भर्तियाँ सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आ जायेंगी. जूनिअर भर्ती का विज्ञापन केवल एक बार एकेडमिक आधार पर निकाला गया था. इससे पहले भी एकेडमिक आधार पर भर्ती भाजपा के कल्याण सिंह जी के शासन काल में और उससे पहले भी हों चुकी हैं. इसप्रकार यह मामला टेट मेरिट के पक्ष को कमजोर और एकेडमिक के पक्ष को मजबूत करेगा. फिर क्या कारण था कि जूनिअर का मामला टेट मोर्चा जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट ले जाना चाहता है. स्पष्ट है कि पैसे के लिए ईमान बेंच चुके टेट मोर्चे के नेता नौकरी करके जितना कमा सकते हैं उससे कई गुना ज्यादा उस पैसे के ब्याज से कमा सकते हैं जो वे बेरोजगारों को याची राहत का झूठा सपना दिखाकर वसूलेंगे. कुछ धूर्तों का कहना है कि इससे टेट का आधार और टेट मोर्चा मजबूत होगा. अगर ऐसा है तो भाई यह रिकवरी लेने का समय है. जूनिअर में टेट मोर्चे से याची बनने के बदले टेट मोर्चे से से पैसा वसूलो और १० हजार से कम लिए बिना कहीं याची मत बनना.
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जूनिअर टेट पास को याची लाभ का झांसा देकर टेट मोर्चे के चन्दा चोरों के गिरोह ने एक बार फिर से करोणों रुपये ऐठने की प्लानिंग कर ली है. इस बार जाल पुराना है लेकिन शिकार नए हैं.
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टेट संगठनों में याची लाभ के आधार पर वसूली का नया दौर तब शुरू हुआ जब प्राइमरी भर्ती में के आधार पर कुछ तदर्थ नियुक्तियां दी गईं. प्राइमरी में जो याची लाभ दिया गया था वह इस आधार पर कि सीटें रिक्त थीं और सरकार नें एकेडमिक टीम के हितों और (संभवतः) अनुरोध का भी ध्यान रखकर इसपर कोई आपत्ति नहीं की थी. इन याचियों को भी मौलिक नियुक्ति देने से सरकार ने साफ़ मना कर दिया और इनका भी भविष्य सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन है. सीटें भर जाने के बाद आगे सरकार नें कोई भी याची राहत के आधार पर ना तो नियुक्ति दी है ना ही देगी और अब सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को ऐसा कोई आदेश नहीं दे पा रही है. इसके अलावा याची लाभ की मांग के समय सुप्रीम कोर्ट को भी नए हजारों याचियों के आने का अंदेशा नहीं था, इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई नई आई०ए० स्वीकार नहीं की जायेगी.
जूनिअर में याची लाभ का लालच देकर ०२ करोण से लेकर २५ करोण से अधिक तक की वसूली के लिए टेट मोर्चे ने हर जिले में अपने एजेंटों को सक्रिय कर दिया है. फेसबुक पर भी कुछ लोग मूर्खतावश और कुछ लोग कमीशन के लालच में टेट मोर्चे के इस मायाजाल का प्रचार-प्रसार करके शिकार फांसने में लगे हैं.
जूनिअर भर्ती का मामला हाई कोर्ट से होकर सुप्रीम कोर्ट जाना तय था. जूनिअर भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचाने से नुकसान टेट मेरिट का ही होना था क्योंकि यह भर्ती एकेडमिक मेरिट से हुई है और इसके साथ ही एकेडमिक मेरिट से हुई अन्य भर्तियाँ सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आ जायेंगी. जूनिअर भर्ती का विज्ञापन केवल एक बार एकेडमिक आधार पर निकाला गया था. इससे पहले भी एकेडमिक आधार पर भर्ती भाजपा के कल्याण सिंह जी के शासन काल में और उससे पहले भी हों चुकी हैं. इसप्रकार यह मामला टेट मेरिट के पक्ष को कमजोर और एकेडमिक के पक्ष को मजबूत करेगा. फिर क्या कारण था कि जूनिअर का मामला टेट मोर्चा जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट ले जाना चाहता है. स्पष्ट है कि पैसे के लिए ईमान बेंच चुके टेट मोर्चे के नेता नौकरी करके जितना कमा सकते हैं उससे कई गुना ज्यादा उस पैसे के ब्याज से कमा सकते हैं जो वे बेरोजगारों को याची राहत का झूठा सपना दिखाकर वसूलेंगे. कुछ धूर्तों का कहना है कि इससे टेट का आधार और टेट मोर्चा मजबूत होगा. अगर ऐसा है तो भाई यह रिकवरी लेने का समय है. जूनिअर में टेट मोर्चे से याची बनने के बदले टेट मोर्चे से से पैसा वसूलो और १० हजार से कम लिए बिना कहीं याची मत बनना.
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