टीम डिजिटल, अमर उजाला, कानपुर प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापक बनने के लिए अलग-अलग तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इंटीग्रेटेड कोर्स का खाका तैयार कर लिया है।
यह कोर्स पांच साल का होगा, जिसे इंटर के बाद किया जा सकेगा। नया कोर्स शैक्षिक सत्र 2017-18 से लांच होगा। अभी इन विद्यालयों में पढ़ाने के लिए बीटीसी और बीएड करना पड़ता है। इसके लिए ग्रेजुएशन अनिवार्य है। बीएड के कोर्स को भी रिवाइज्ड किया जा रहा है।
‘स्नातक में मार्क्स की अनिवार्यता से छूट मिले’
टीचिंग एजूकेशन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सोमवार को एनसीटीई चेयरमैन से नई दिल्ली में मुलाकात की। अध्यक्ष विनय त्रिवेदी की अगुवाई वाले प्रतिनिधि मंडल ने बीएड, बीटीसी में एडमिशन के लिए स्नातक (बीए, बीएससी, बीकॉम सहित अन्य) 50 फीसदी मार्क्स की अनिवार्यता खत्म किए जाने की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि एनसीटीई की तरफ से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराई जाती है। क्वॉलीफाइड स्टूडेेंटों को ही सहायक अध्यापक बनने का मौका मिलता है।
अभी ऐसे है अलग-अलग कोर्स
एनटीटी-नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) की पढ़ाई के बाद कक्षा एक से नीचे के बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलता है। इसके ऊपर के कक्षाओं में पढ़ाने की इजाजत नहीं रहती है।
बीटीसी-बीटीसी के बाद प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा एक से कक्षा आठ तक) में पढ़ाने का मौका मिलता है। पहले प्राथमिक विद्यालय में तैनाती मिलती है। प्रमोशन के बाद उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाते हैं।
एमएड-टीचिंग एजूकेशन की हायर डिग्री एमएड है। टीजीटी और पीजीटी में सेलेक्शन के बाद एमएड का वेटेज मिलता है। हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में पढ़ाने की योग्यता रखने वाले ज्यादातर एमएड करने की कोशिश करते हैं।
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यह कोर्स पांच साल का होगा, जिसे इंटर के बाद किया जा सकेगा। नया कोर्स शैक्षिक सत्र 2017-18 से लांच होगा। अभी इन विद्यालयों में पढ़ाने के लिए बीटीसी और बीएड करना पड़ता है। इसके लिए ग्रेजुएशन अनिवार्य है। बीएड के कोर्स को भी रिवाइज्ड किया जा रहा है।
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टीचिंग एजूकेशन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सोमवार को एनसीटीई चेयरमैन से नई दिल्ली में मुलाकात की। अध्यक्ष विनय त्रिवेदी की अगुवाई वाले प्रतिनिधि मंडल ने बीएड, बीटीसी में एडमिशन के लिए स्नातक (बीए, बीएससी, बीकॉम सहित अन्य) 50 फीसदी मार्क्स की अनिवार्यता खत्म किए जाने की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि एनसीटीई की तरफ से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराई जाती है। क्वॉलीफाइड स्टूडेेंटों को ही सहायक अध्यापक बनने का मौका मिलता है।
अभी ऐसे है अलग-अलग कोर्स
एनटीटी-नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) की पढ़ाई के बाद कक्षा एक से नीचे के बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलता है। इसके ऊपर के कक्षाओं में पढ़ाने की इजाजत नहीं रहती है।
बीटीसी-बीटीसी के बाद प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा एक से कक्षा आठ तक) में पढ़ाने का मौका मिलता है। पहले प्राथमिक विद्यालय में तैनाती मिलती है। प्रमोशन के बाद उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाते हैं।
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एमएड-टीचिंग एजूकेशन की हायर डिग्री एमएड है। टीजीटी और पीजीटी में सेलेक्शन के बाद एमएड का वेटेज मिलता है। हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में पढ़ाने की योग्यता रखने वाले ज्यादातर एमएड करने की कोशिश करते हैं।
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