साथियों जैसाकि आप सबको अवगत हुआ है कि 7 दिसम्बर को कोर्ट में सुनवाई है, *जिसमें सरकार के वकील व ncte के वकील की असली परीक्षा होगी
*हाईकोर्ट में भी हमारी हार का मुख्य कारण सरकारी वकील व ncte का वकील रहा*क्योंकि हम सब यह जानते हैं कि *वादी पक्ष के वकील को बोलने का मौका सर्वप्रथम मिलता है*❗❗
जैसा कि हम सब जानते हैं कि ncte हमारी ट्रैनिंग से लेकर समायोजन तक मुख्य भूमिका निभाती है।।इसलिए हमें इसके लिए गंभीरता से विचार करना है।।
जैसा कि हाईकोर्ट में इन वकीलों की खरीद फरोख्त हुई थी और हम अन्जाने बने रहे।।
हमारे विरोधी बहुत ही शातिर हैं, *जहाँ से हम सोचना बंद करते हैं वे वही से सोचना शुरू कर देते हैं*
साथियों आपने अधिकतर मामलों में देखा होगा कि सरकार लगभग हर केश हार जाती है और हर केश में जज को सरकार पर शंका रहती है व वह सरकार को दोषी करार देते हैं, चाहे वह उक्त कार्य नियमानुसार किया हो,परंतु सरकार को मुँह की खानी ही पङती है, *इसका मुख्य कारण सिर्फ और सिर्फ यह सरकारी वकील ही होते हैं जिनको सरकार तो टुकड़े नहीं दे पाती है पर विरोधियों से मोटी कमाई करते हैं*और फिर नतीजा आप देखते ही है,,,,
*7 दिसम्बर को मुख्य रूप से सरकार व ncte को सुना जाएगा,और ऐसा अनुमान है कि यह सबकुछ हमारे पक्ष में रहा तो यह याचिका रद्द भी हो सकती है*❗❗
पर इसके लिए हमारे संघ व टीम को पुरानी लीक से हटकर नए तरीके से शोचना होगा।।
*हमारे संघ जहाँ दर्जनों की कतार में वकील खङे करते हैं तो फिर इस सरकारी वकील को दाना पानी क्यों नहीं*❓❓
हमारा एक संघ सरकार का करीबी होने का दावा करता है तो क्या वह सरकार को सीनियर वकील हायर नहीं करा सकता, जिसका खर्च स्वयं हम उठायें, *हम दर्जन वकील हायर न करके सिर्फ स्वच्छ छवि का एक वकील हायर करें, बाकी का बचा हुआ रूपया सरकार व ncte के वकील पर खर्च करें*
हो सकता है आप मेरी बात से सहमत नहीं हो, पर यह काम पर गंभीरता से विचार करें, क्योंकि यह सबसे संवेदनशील मामला है।।
*जैसाकि यह सब जानते हैं कि सरकार व ncte पर नकेल कसना हर किसी के बूते की बात नहीं है इसलिए हमारे दोनों बड़े संघ यह नेक कार्य करें और गरीब शिमि की दुआओं के पात्र बने*❗❗
*वैसे भी देश के सबसे बड़े न्यायालय में यूपी की लगभग सभी शिक्षकों की भर्ती पहुंच गई हैं,क्योंकि यह मामला जनहित से जुड़ा है ,इसलिए दीपक जी किसी की भी रोजी रोटी पर लात नहीं मारेगे,चाहे एकेडेमिक हो ,टेट पक्ष हो या फिर हम शिमि*
अगर आप यह सोचते हैं कि दीपक जी हर किसी को मैरिट के आधार पर सुनेगे,फिर तो आपके अनुसार यह पिछली 80000 भर्ती या 72825 में से एक ही रहेगा ।।*पर मैं मानता हूँ कि दोनों ही रहेंगे ,इसके लिए चाहें दीपक जी अपन विशेषाधिकार का प्रयोग करें,और यह बात मैं दावे के साथ कह सकता हूँ।।
तो फिर हम भी इसी कैटिगरी में आते हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारा समायोजन अमर है और अमर रहेगा क्योंकि *कभी भी इस सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित के मामले को वर्षों तक लम्बित होने के बाद जनहित के विरुद्ध फैसला नहीं किया है*❗❗
और अगर जरूरत है तो सिर्फ पैरवी करने की क्योंकि एक कहावत है *कि कर्मों के द्वारा हाथों की रेखाएं बदली जा सकती हैं*और यह कार्य हमारे विरोधियों ने हाईकोर्ट में किया था वर्ना *कभी कसाई का माल,बकरे ने खाया है।।*🤔❓
साथियों मैं अंत कहना चाहता हूँ कि यह हमारे लिए अंतिम लङाई है, जिसमें सबकुछ न्यौछावर करना है।।
सावधान रहें,सुरक्षित रहे।।
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*हाईकोर्ट में भी हमारी हार का मुख्य कारण सरकारी वकील व ncte का वकील रहा*क्योंकि हम सब यह जानते हैं कि *वादी पक्ष के वकील को बोलने का मौका सर्वप्रथम मिलता है*❗❗
जैसा कि हम सब जानते हैं कि ncte हमारी ट्रैनिंग से लेकर समायोजन तक मुख्य भूमिका निभाती है।।इसलिए हमें इसके लिए गंभीरता से विचार करना है।।
जैसा कि हाईकोर्ट में इन वकीलों की खरीद फरोख्त हुई थी और हम अन्जाने बने रहे।।
हमारे विरोधी बहुत ही शातिर हैं, *जहाँ से हम सोचना बंद करते हैं वे वही से सोचना शुरू कर देते हैं*
साथियों आपने अधिकतर मामलों में देखा होगा कि सरकार लगभग हर केश हार जाती है और हर केश में जज को सरकार पर शंका रहती है व वह सरकार को दोषी करार देते हैं, चाहे वह उक्त कार्य नियमानुसार किया हो,परंतु सरकार को मुँह की खानी ही पङती है, *इसका मुख्य कारण सिर्फ और सिर्फ यह सरकारी वकील ही होते हैं जिनको सरकार तो टुकड़े नहीं दे पाती है पर विरोधियों से मोटी कमाई करते हैं*और फिर नतीजा आप देखते ही है,,,,
*7 दिसम्बर को मुख्य रूप से सरकार व ncte को सुना जाएगा,और ऐसा अनुमान है कि यह सबकुछ हमारे पक्ष में रहा तो यह याचिका रद्द भी हो सकती है*❗❗
पर इसके लिए हमारे संघ व टीम को पुरानी लीक से हटकर नए तरीके से शोचना होगा।।
*हमारे संघ जहाँ दर्जनों की कतार में वकील खङे करते हैं तो फिर इस सरकारी वकील को दाना पानी क्यों नहीं*❓❓
हमारा एक संघ सरकार का करीबी होने का दावा करता है तो क्या वह सरकार को सीनियर वकील हायर नहीं करा सकता, जिसका खर्च स्वयं हम उठायें, *हम दर्जन वकील हायर न करके सिर्फ स्वच्छ छवि का एक वकील हायर करें, बाकी का बचा हुआ रूपया सरकार व ncte के वकील पर खर्च करें*
हो सकता है आप मेरी बात से सहमत नहीं हो, पर यह काम पर गंभीरता से विचार करें, क्योंकि यह सबसे संवेदनशील मामला है।।
*जैसाकि यह सब जानते हैं कि सरकार व ncte पर नकेल कसना हर किसी के बूते की बात नहीं है इसलिए हमारे दोनों बड़े संघ यह नेक कार्य करें और गरीब शिमि की दुआओं के पात्र बने*❗❗
*वैसे भी देश के सबसे बड़े न्यायालय में यूपी की लगभग सभी शिक्षकों की भर्ती पहुंच गई हैं,क्योंकि यह मामला जनहित से जुड़ा है ,इसलिए दीपक जी किसी की भी रोजी रोटी पर लात नहीं मारेगे,चाहे एकेडेमिक हो ,टेट पक्ष हो या फिर हम शिमि*
अगर आप यह सोचते हैं कि दीपक जी हर किसी को मैरिट के आधार पर सुनेगे,फिर तो आपके अनुसार यह पिछली 80000 भर्ती या 72825 में से एक ही रहेगा ।।*पर मैं मानता हूँ कि दोनों ही रहेंगे ,इसके लिए चाहें दीपक जी अपन विशेषाधिकार का प्रयोग करें,और यह बात मैं दावे के साथ कह सकता हूँ।।
तो फिर हम भी इसी कैटिगरी में आते हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारा समायोजन अमर है और अमर रहेगा क्योंकि *कभी भी इस सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित के मामले को वर्षों तक लम्बित होने के बाद जनहित के विरुद्ध फैसला नहीं किया है*❗❗
और अगर जरूरत है तो सिर्फ पैरवी करने की क्योंकि एक कहावत है *कि कर्मों के द्वारा हाथों की रेखाएं बदली जा सकती हैं*और यह कार्य हमारे विरोधियों ने हाईकोर्ट में किया था वर्ना *कभी कसाई का माल,बकरे ने खाया है।।*🤔❓
साथियों मैं अंत कहना चाहता हूँ कि यह हमारे लिए अंतिम लङाई है, जिसमें सबकुछ न्यौछावर करना है।।
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