लखनऊ: शिक्षामित्रों
को लेकर आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों ने अपने समायोजन
की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। जिस पर योगी सरकार ने शिक्षक भर्ती
प्रक्रिया में उन्हें वरीयता देने की बात कही।
सरकार के इस फैसले से बीटीसी उम्मीदवारों में भारी निराशा का माहौल है। नौकरी की मांग को लेकर 58 दिनों से बीटीसी उम्मीदवार धरने पर बैठे हैं।
लक्ष्मण मेला मैदान में पिछले 58 दिनों से
धरने पर बैठे एक बीटीसी उम्मीदवार आशीष ने बताया कि शिक्षामित्रों को
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 25 अंको का वेटेज दिये जाने से उनके भविष्य के
लिए खतरा पैदा हो गया है। आशीष ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में खाली
सभी शिक्षकों के पद शिक्षामित्रों से ही भर जायेगें, ऐसे मे सरकार को
बीटीसी प्रशिक्षित उम्मीदवारों के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए।
बीटीसी पास उम्मीदवार हो जायेंगे नौकरी की रेस से बाहर
बीटीसी प्रशिक्षित उम्मीदवार आशीष ने बताया कि तृतीत श्रेणी से पास शिक्षामित्र की मेरिट भारांक मिलने के बाद प्रथम श्रेणी से पास बीटीसी-टीईटी पास अभ्यर्थियों की मेरिट को पार कर जायेंगी। जिसके कारण बीटीसी-टीईटी पास जो कि शिक्षक बनने की पूरी अर्हता रखते हैं और शिक्षक बनने के योग्य हैं, वह नौकरी से वंचित रह जायेंगे। साथ ही उनका भविष्य संकट में पड़ जायेगा। सरकार के ताजा फैसले से बीटीसी-टीईटी पास अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। वे आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं।
सरकार के इस फैसले से बीटीसी उम्मीदवारों में भारी निराशा का माहौल है। नौकरी की मांग को लेकर 58 दिनों से बीटीसी उम्मीदवार धरने पर बैठे हैं।
बीटीसी प्रशिक्षित उम्मीदवार आशीष ने बताया कि तृतीत श्रेणी से पास शिक्षामित्र की मेरिट भारांक मिलने के बाद प्रथम श्रेणी से पास बीटीसी-टीईटी पास अभ्यर्थियों की मेरिट को पार कर जायेंगी। जिसके कारण बीटीसी-टीईटी पास जो कि शिक्षक बनने की पूरी अर्हता रखते हैं और शिक्षक बनने के योग्य हैं, वह नौकरी से वंचित रह जायेंगे। साथ ही उनका भविष्य संकट में पड़ जायेगा। सरकार के ताजा फैसले से बीटीसी-टीईटी पास अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। वे आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं।
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