इलाहाबाद ( शीर्ष कोर्ट के आदेश पर जिन शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद हो चुका है, उनके लिए प्रदेश सरकार ने भारांक तय कर दिया है।
इससे भले ही शिक्षामित्र संघ सहमत न हो, लेकिन
असलियत यही है कि सरकार ने इतना अधिक भारांक दिया है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हर शिक्षामित्र को शिक्षक बनने का मौका मिलना लगभग तय है। और तो और मेधावी अभ्यर्थी तक शिक्षामित्रों के खाते में भारांक जुडऩे से पीछे छूट जाएंगे। इससे प्रशिक्षित बेरोजगार खफा हैं उनका कहना है कि इससे चयन की प्रतिस्पर्धा ही खत्म हो रही है।
शीर्ष कोर्ट ने जिन शिक्षामित्रों का शिक्षक पद से समायोजन रद किया है उनके लिए प्रदेश सरकार से अनुभव का लाभ देते हुए भारांक देने और आयु सीमा में छूट देने के साथ ही भर्ती के दो मौके उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने शिक्षामित्रों को प्रतिवर्ष ढाई अंक और अधिकतम 25 अंक का भारांक देने का शासनादेश पिछले दिनों जारी किया है। यह भारांक एक तरह से शिक्षामित्रों के लिए सहायक अध्यापक बनाने की गारंटी जैसा है, बशर्ते उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी उत्तीर्ण करना होगा।
भारांक की हकीकत का आकलन इस तरह से किया जा सकता है कि यदि कोई अभ्यर्थी जिसके हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक में 100 फीसद अंक आ जाए (जो पूरी तरह से असंभव है) और डीएलएड (पूर्व बीटीसी) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो तो उसे अधिकतम 94 अंक मिलते हैं। वहीं, यदि किसी शिक्षामित्र के हाईस्कूल से लेकर दूरस्थ बीटीसी तक के अंकों का जोड़ 75 होता है और उसे अधिकतम भारांक यानी 25 अंक मिल जाते हैं तो वह शिक्षक चयन की अधिकतम अंकों की सीमा को पार कर जाएगा।
शिक्षा महकमे के अफसरों की मानें तो बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर सामान्य वर्ग के वह अभ्यर्थी चयनित हो जाते हैं जो 60 से अधिक अंक हासिल करते हैं। इस लिहाज से सरकार शिक्षामित्रों को करीब आधे अंक शिक्षामित्रों को उनके अनुभव के आधार पर ही दे रही है। यह अंक जिस शिक्षामित्र के खाते में जुड़ेंगे उसका चयन लगभग तय है। ताज्जुब यह है कि शिक्षामित्र संघ के नेता इस भारांक से संतुष्ट नहीं है, वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षित बेरोजगार कहते हैं कि इस घोषणा से तो शिक्षक चयन की प्रतिस्पर्धा ही खत्म हो जाएगी। सरकार को इतना अधिक भारांक नहीं देना चाहिए।
टीईटी पास शिक्षामित्रों की मांगी सूची
प्रदेश भर के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से उन शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई है जो शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी उत्तीर्ण हैं। शिक्षा निदेशक बेसिक के शिविर कार्यालय से उप शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने बीएसए को इस संबंध में पत्र भेजा है। माना जा रहा है कि ऐसे शिक्षामित्रों के संबंध में सरकार कोई निर्णय जल्द ही ले सकती है।
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इससे भले ही शिक्षामित्र संघ सहमत न हो, लेकिन
असलियत यही है कि सरकार ने इतना अधिक भारांक दिया है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हर शिक्षामित्र को शिक्षक बनने का मौका मिलना लगभग तय है। और तो और मेधावी अभ्यर्थी तक शिक्षामित्रों के खाते में भारांक जुडऩे से पीछे छूट जाएंगे। इससे प्रशिक्षित बेरोजगार खफा हैं उनका कहना है कि इससे चयन की प्रतिस्पर्धा ही खत्म हो रही है।
शीर्ष कोर्ट ने जिन शिक्षामित्रों का शिक्षक पद से समायोजन रद किया है उनके लिए प्रदेश सरकार से अनुभव का लाभ देते हुए भारांक देने और आयु सीमा में छूट देने के साथ ही भर्ती के दो मौके उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने शिक्षामित्रों को प्रतिवर्ष ढाई अंक और अधिकतम 25 अंक का भारांक देने का शासनादेश पिछले दिनों जारी किया है। यह भारांक एक तरह से शिक्षामित्रों के लिए सहायक अध्यापक बनाने की गारंटी जैसा है, बशर्ते उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी उत्तीर्ण करना होगा।
भारांक की हकीकत का आकलन इस तरह से किया जा सकता है कि यदि कोई अभ्यर्थी जिसके हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक में 100 फीसद अंक आ जाए (जो पूरी तरह से असंभव है) और डीएलएड (पूर्व बीटीसी) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो तो उसे अधिकतम 94 अंक मिलते हैं। वहीं, यदि किसी शिक्षामित्र के हाईस्कूल से लेकर दूरस्थ बीटीसी तक के अंकों का जोड़ 75 होता है और उसे अधिकतम भारांक यानी 25 अंक मिल जाते हैं तो वह शिक्षक चयन की अधिकतम अंकों की सीमा को पार कर जाएगा।
शिक्षा महकमे के अफसरों की मानें तो बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर सामान्य वर्ग के वह अभ्यर्थी चयनित हो जाते हैं जो 60 से अधिक अंक हासिल करते हैं। इस लिहाज से सरकार शिक्षामित्रों को करीब आधे अंक शिक्षामित्रों को उनके अनुभव के आधार पर ही दे रही है। यह अंक जिस शिक्षामित्र के खाते में जुड़ेंगे उसका चयन लगभग तय है। ताज्जुब यह है कि शिक्षामित्र संघ के नेता इस भारांक से संतुष्ट नहीं है, वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षित बेरोजगार कहते हैं कि इस घोषणा से तो शिक्षक चयन की प्रतिस्पर्धा ही खत्म हो जाएगी। सरकार को इतना अधिक भारांक नहीं देना चाहिए।
टीईटी पास शिक्षामित्रों की मांगी सूची
प्रदेश भर के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से उन शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई है जो शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी उत्तीर्ण हैं। शिक्षा निदेशक बेसिक के शिविर कार्यालय से उप शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने बीएसए को इस संबंध में पत्र भेजा है। माना जा रहा है कि ऐसे शिक्षामित्रों के संबंध में सरकार कोई निर्णय जल्द ही ले सकती है।
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