नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
शिक्षामित्रों को तीन दिन का समय मांगते हुए एक तीन सदस्यीय समिति गठित कर
उनके मामले का हल निकालने का आश्वासन दिया है।
इसके बाद शिक्षा मित्रों ने लखनऊ में अपने अनिश्चितकालीन आंदोलन को स्थगित कर दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री के साथ लगभग डेढ़ घंटे चली वार्ता के बाद इस मामले को लेकर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया।
बैठक के बाद बाहर निकले शिक्षा मित्र एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष इमाम गजाला लारी ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।
गजाला लारी ने कहा, 'मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के दौरान समान काम, समान वेतन की अपनी मांग से संबंधित एक आवेदन दिया गया। इसमें हमने अपनी मांगों का जिक्र किया है। मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि तीन दिन के भीतर प्रत्यावेदन पर विचार कर इस मुद्दे का समुचित हल निकाला जाएगा।'
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद फिलहाल आंदोलन स्थगित किया जा रहा है। लेकिन मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन का विकल्प फिर खुला हुआ है।
आपको बता दें कि कि उप्र सरकार ने शिक्षा मित्रों को एक अगस्त से 10 हजार रुपये दिए जाने और अधिकतम 25 अंक का वेटेज दिए जाने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन बावजूद इसके शिक्षा मित्रों ने आंदोलन जारी रखा था।
इससे पूर्व शिक्षामित्रों के प्रदर्शन पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि शिक्षामित्रों के साथ सरकार की पूरी सहानुभूति है। सरकार लगातार बातचीत की कोशिश में है।
केशव मौर्य ने कहा, 'शिक्षामित्रों को समझना चाहिए कि ये निर्णय सरकार का नहीं है। शिक्षामित्रों की तकलीफ हम समझ रहे हैं और उसके निवारण में जुटे हैं।'
बुधवार को शिक्षामित्रों ने दोपहर बाद लखनऊ में गिरफ्तारी देने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद प्रदर्शन स्थल लक्ष्मण मेला ग्राउंड में 20 एम्बुलेंस भी लगाई गई थी। मैदान में हजारों शिक्षामित्रों को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
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