विशेष की कलम से,
आम शिक्षामित्र रोज सोचता है कि आज मीटिंग है ,हमारे रहनुमा ये करवा देंगे किन्तु मीटिंग बाद टांय टांय फिस्स।
25 जुलाई के आदेश में सभी कुछ निहित है कि सरकार क्या कर सकती है ।इसके अतिरिक्त सरकार कुछ नही कर सकती क्योकि वो भी मजबूर है कोर्ट के आदेश के कारण।
जिसको सहायक अध्यापक बनना है उसको टेट पास करना ही होगा ,बिना टेट अब ये संभव ही नही असम्भव है ।शिक्षामित्र नेता बिना टेट का सपना दिखा रहे है जो कभी सत्य नही हो सकता।
वेतज और उम्र में छूट सरकार देगी क्योकि कोर्ट का आदेश है।
शेष जो साथी है उनको सरकार केवल शिक्षामित्र बना सकती है इसके अतिरिक्त सरकार कोई पद नही दे सकती यहाँ तक कि आश्रम पद्दति आदि में भी नही।
ये केवल मूर्ख बनाने वाली बात है।
अगर शिक्षामित्र नेता आज भी वास्तव में शिक्षामित्रो का स्थायी हल चाहते है तो निम्न मांगे रखे..-
1-शिक्षामित्र पद को स्थायी किया जाए 62 वर्ष तक।
2- मानदेय जितना भी हो किन्तु उसमे वार्षिक व्रद्धि तय की जाए।
3-14 cl दी जाए।
4- मेडिकल दिया जाए ।
5-वेतन आयोग के अनुसार मानदेय में व्रद्धि की जाए।
6 -2 भर्तियों वाली बाध्यता खत्म की जाए।इसको सरकार कोर्ट से निर्देश लेके खत्म कर सकती है।
उपरोक्त मांगो में सरकार को भी कोई दिक्कत नही होगी और जो शिक्षामित्र टेट नही पास कर पाएंगे वो 62 वर्ष तक आराम से कार्य करेंगे और जो टेट पास कर लेंगे वो सहायक अध्यापक बनते रहेंगे।
किन्तु वास्तव में शिक्षामित्र स्वयम नही चाहते कि शिक्षामित्रो को स्थायी हल मिले क्योकि अगर मिल गया तो उनका चन्दे का व्यापार कैसे चलेगा?
सबसे बड़ी गलती शिक्षामित्रो की ये भी है कि हारे हुए सिपाही को अपना नेता बनाये हुए है।
12 सेप्टेम्बर और 25 जुलाई की दो बुरी हार के बाद भी किसी नेता ने हार की जिमेदारी नही ली और झूठे सपने दिखाने में लगा है।
अभी समय है तर्कसंगत मांगे मांगों जिसको सरकार को भी स्वीकार करने में कोई दिक्कत ना हो नही फ्री में आम शिक्षामित्र स्कूल जाता रहेगा।
धन्यवाद।।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
आम शिक्षामित्र रोज सोचता है कि आज मीटिंग है ,हमारे रहनुमा ये करवा देंगे किन्तु मीटिंग बाद टांय टांय फिस्स।
25 जुलाई के आदेश में सभी कुछ निहित है कि सरकार क्या कर सकती है ।इसके अतिरिक्त सरकार कुछ नही कर सकती क्योकि वो भी मजबूर है कोर्ट के आदेश के कारण।
जिसको सहायक अध्यापक बनना है उसको टेट पास करना ही होगा ,बिना टेट अब ये संभव ही नही असम्भव है ।शिक्षामित्र नेता बिना टेट का सपना दिखा रहे है जो कभी सत्य नही हो सकता।
वेतज और उम्र में छूट सरकार देगी क्योकि कोर्ट का आदेश है।
शेष जो साथी है उनको सरकार केवल शिक्षामित्र बना सकती है इसके अतिरिक्त सरकार कोई पद नही दे सकती यहाँ तक कि आश्रम पद्दति आदि में भी नही।
ये केवल मूर्ख बनाने वाली बात है।
अगर शिक्षामित्र नेता आज भी वास्तव में शिक्षामित्रो का स्थायी हल चाहते है तो निम्न मांगे रखे..-
1-शिक्षामित्र पद को स्थायी किया जाए 62 वर्ष तक।
2- मानदेय जितना भी हो किन्तु उसमे वार्षिक व्रद्धि तय की जाए।
3-14 cl दी जाए।
4- मेडिकल दिया जाए ।
5-वेतन आयोग के अनुसार मानदेय में व्रद्धि की जाए।
6 -2 भर्तियों वाली बाध्यता खत्म की जाए।इसको सरकार कोर्ट से निर्देश लेके खत्म कर सकती है।
उपरोक्त मांगो में सरकार को भी कोई दिक्कत नही होगी और जो शिक्षामित्र टेट नही पास कर पाएंगे वो 62 वर्ष तक आराम से कार्य करेंगे और जो टेट पास कर लेंगे वो सहायक अध्यापक बनते रहेंगे।
किन्तु वास्तव में शिक्षामित्र स्वयम नही चाहते कि शिक्षामित्रो को स्थायी हल मिले क्योकि अगर मिल गया तो उनका चन्दे का व्यापार कैसे चलेगा?
सबसे बड़ी गलती शिक्षामित्रो की ये भी है कि हारे हुए सिपाही को अपना नेता बनाये हुए है।
12 सेप्टेम्बर और 25 जुलाई की दो बुरी हार के बाद भी किसी नेता ने हार की जिमेदारी नही ली और झूठे सपने दिखाने में लगा है।
अभी समय है तर्कसंगत मांगे मांगों जिसको सरकार को भी स्वीकार करने में कोई दिक्कत ना हो नही फ्री में आम शिक्षामित्र स्कूल जाता रहेगा।
धन्यवाद।।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines