लखनऊ. तमाम टेंशन के बीच उत्तर प्रदेश के शिक्षा
मित्रों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। जिन शिक्षा मित्रों के समायोजन को
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, उनके बचे हुए वेतन का आदेश एक हफ्ते में
आने की उम्मीद जताई जा रही है।
अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने एक सप्ताह में बकाया भुगतान के आदेश जारी करने का आश्वासन दिया। साथ ही शिक्षा मित्रों की सभी मांगों को लेकर यूपी सरकार कानून राय लेने का मन बना रही है। ये फैसला सरकार की पांच सदस्यीय कमेटी और शिक्षा मित्रों की बैठक में हुआ। हालांकि अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में शिक्षा मित्रों की मांगों पर फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इस बैठक में शिक्षा मित्र संगठनों से जितेन्द्र शाही, गाजी इमाम आला, दीनानाथ दीक्षित आदि मौजूद रहे।
ली जाएगी कानून राय
लखनऊ में अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा मित्रों ने अपनी सभी मांगें दोबारा उठाईं। शिक्षा मित्रों द्वारा मानदेय बढ़ाए जाने की माग पर कमेटी ने असमर्थता जताई। साथ ही कमेटी ने शिक्षा मित्रों मांगों पर कानूनी राय लेने का भरोसा दिया है। टीईटी से छूट के मुद्दे पर शिक्षामित्रों ने कहा कि RTE Act में 9 अगस्त 2017 को हुए संशोधन के बाद उन्हें टीईटी से छूट दी जाए। आपको बता दें कि RTE Act में 9 अगस्त को हुए संशोधन में जिन शिक्षकों ने अभी तक NCTE के मानकों के मुताबिक शैक्षिक अर्हताएं पूरी नहीं की है, उन्हें चार वर्षों का समय और दिया गया है। हालांकि इसमें TET से छूट का कोई जिक्र नहीं है।
टीईटी मुद्दे पर फिर होगा मंथन
वहीं शिक्षा मित्रों ने भी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से राय लेने की बात भी कही। शिक्षा मित्रों ने कहा कि टीईटी से छूट के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की राय ली जाएगी। जबकि समान वेतन, समान कार्य पर भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। शिक्षामित्रों के प्रत्यावेदन पर बुधवार को अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को सिरे से गैरकानूनी ठहराया चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी।
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अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने एक सप्ताह में बकाया भुगतान के आदेश जारी करने का आश्वासन दिया। साथ ही शिक्षा मित्रों की सभी मांगों को लेकर यूपी सरकार कानून राय लेने का मन बना रही है। ये फैसला सरकार की पांच सदस्यीय कमेटी और शिक्षा मित्रों की बैठक में हुआ। हालांकि अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में शिक्षा मित्रों की मांगों पर फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इस बैठक में शिक्षा मित्र संगठनों से जितेन्द्र शाही, गाजी इमाम आला, दीनानाथ दीक्षित आदि मौजूद रहे।
ली जाएगी कानून राय
लखनऊ में अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा मित्रों ने अपनी सभी मांगें दोबारा उठाईं। शिक्षा मित्रों द्वारा मानदेय बढ़ाए जाने की माग पर कमेटी ने असमर्थता जताई। साथ ही कमेटी ने शिक्षा मित्रों मांगों पर कानूनी राय लेने का भरोसा दिया है। टीईटी से छूट के मुद्दे पर शिक्षामित्रों ने कहा कि RTE Act में 9 अगस्त 2017 को हुए संशोधन के बाद उन्हें टीईटी से छूट दी जाए। आपको बता दें कि RTE Act में 9 अगस्त को हुए संशोधन में जिन शिक्षकों ने अभी तक NCTE के मानकों के मुताबिक शैक्षिक अर्हताएं पूरी नहीं की है, उन्हें चार वर्षों का समय और दिया गया है। हालांकि इसमें TET से छूट का कोई जिक्र नहीं है।
टीईटी मुद्दे पर फिर होगा मंथन
वहीं शिक्षा मित्रों ने भी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से राय लेने की बात भी कही। शिक्षा मित्रों ने कहा कि टीईटी से छूट के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की राय ली जाएगी। जबकि समान वेतन, समान कार्य पर भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। शिक्षामित्रों के प्रत्यावेदन पर बुधवार को अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को सिरे से गैरकानूनी ठहराया चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी।
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