भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर जनसमस्याओं का निराकरण करने के लिए मंगलवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ महेन्द्र सिंह उपस्थित हुए. इस दौरान उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सैनी एवं प्रदेश मंत्री कौशलेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे.
इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मंत्री ने कहा कि आज जन सहयोग केन्द्र पर लगभग 109 समस्याओं के शिकायती पत्र आए, जिसमें लगभग 74 समस्याओं का निस्तारण टेलीफोन एवं पत्र के माध्यम से किया गया. इनमें 34 भूमि से संबन्धित मामले रहे, अन्य मामले आवास, पेयजल और सड़क बनाने के संदर्भ में रहे.
शिक्षामित्रों को मिलने वाले 25 अंक पर बोलते हुए डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि अभी अंकों का निर्धारण नहीं हुआ है. बीटीसी के लोग कह रहे थे कि हम लोगों के बीच में किसी और की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए. लेकिन सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार यूपी सरकार निर्णय ले रही है.
उस निर्णय के तहत एक कमेटी बनाई गई है, कमेटी अपना निर्णय लेगी. दोनों लोग परीक्षा में बैठेंगे, जो परीक्षा को पास करेगा, उसको नौकरी मिलेगी, इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि बीटीसी के अभ्यर्थियों को यह सोचना चाहिए कि कितना बड़ा निर्णय उनके पक्ष में हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुआ है शिक्षा मित्र जो 10-15 वर्षो से पढ़ा रहे थे, उनकों वहां से हटाया गया है.
सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सुप्रीमकोर्ट के मार्गदर्शन में जिसने 15-20 वर्षो की सेवा की है, उनको आयु सीमा में छूट दी जा रही है. सहानभूतिपूर्वक विचार करते हुए जिससे बीटीसी के लोगों को कोई हानि न हो सबका साथ-सबका विकास जो सरकार का नारा है उनकों लेकर सरकार निर्णय करेगी.
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इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मंत्री ने कहा कि आज जन सहयोग केन्द्र पर लगभग 109 समस्याओं के शिकायती पत्र आए, जिसमें लगभग 74 समस्याओं का निस्तारण टेलीफोन एवं पत्र के माध्यम से किया गया. इनमें 34 भूमि से संबन्धित मामले रहे, अन्य मामले आवास, पेयजल और सड़क बनाने के संदर्भ में रहे.
शिक्षामित्रों को मिलने वाले 25 अंक पर बोलते हुए डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि अभी अंकों का निर्धारण नहीं हुआ है. बीटीसी के लोग कह रहे थे कि हम लोगों के बीच में किसी और की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए. लेकिन सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार यूपी सरकार निर्णय ले रही है.
उस निर्णय के तहत एक कमेटी बनाई गई है, कमेटी अपना निर्णय लेगी. दोनों लोग परीक्षा में बैठेंगे, जो परीक्षा को पास करेगा, उसको नौकरी मिलेगी, इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि बीटीसी के अभ्यर्थियों को यह सोचना चाहिए कि कितना बड़ा निर्णय उनके पक्ष में हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुआ है शिक्षा मित्र जो 10-15 वर्षो से पढ़ा रहे थे, उनकों वहां से हटाया गया है.
सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सुप्रीमकोर्ट के मार्गदर्शन में जिसने 15-20 वर्षो की सेवा की है, उनको आयु सीमा में छूट दी जा रही है. सहानभूतिपूर्वक विचार करते हुए जिससे बीटीसी के लोगों को कोई हानि न हो सबका साथ-सबका विकास जो सरकार का नारा है उनकों लेकर सरकार निर्णय करेगी.
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