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शिक्षामित्रों की सरकार को चेतावनी, शिक्षक दिवस पर करेंगे विधानसभा का घेराव

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्ति रद्द कर दी थी। इस मामले पर बाद में उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षामित्र संगठनों के बीच बातचीत हुई लेकन किसी भी तरह का कोई नतीजा नहीं निकला।

नतीजा न निकलता देख शिक्षामित्रों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर कोई हल नहीं निकला तो वे पांच सितंबर से विधानसभा का घेराव करेंगे। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में समिति बनाई है जो शिक्षामित्रों की मांगों पर विचार करेगी।
यह समिति शिक्षामित्रों की मांग पर विचार करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगी। इस समिति में सूचना विभाग, न्याय विभाग, समाज कल्याण व वित्त विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य बनाए गए हैं।
बता दें कि शिक्षामित्र समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम पद्घति के स्कूली शिक्षकों की तरह मानदेय की मांग कर रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक संविदा पर तैनात हैं और इन्हें 27,000 रुपए 11 महीने 29 दिन का मानदेय दिया जाता है।
शिक्षामित्रों की मांग भी यही है कि किसी भी तरह की नियुक्ति होने तक उन्हें भी शिक्षकों के वेतन की तरह मानदेय दिया जाए। इसके अलावा वो अध्यादेश लाकर टीईटी से छूट देते हुए शिक्षक बनाने की मांग भी कर रहे हैं। शिक्षामित्र नेताओं का कहना है कि शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश ला सकती है।

शिक्षक कल्याण समिति ने शिक्षक दिवस के मौके पर विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा का कहना है कि यदि सरकार ने तीन दिनों के भीतर शिक्षामित्रों पर निर्णय नहीं लिया तो पांच सितंबर को विधानभवन का घेराव किया जाएगा।

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