आजमगढ़। उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों के मुकदमें में दिए गए फैसले
के बाद शिक्षामित्रों की हड़ताल से जहां परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की
पढ़ाई बाधित रही। वहीं प्रदेश सरकार ने हड़ताल में शामिल शिक्षामित्रों के
वेतन को काटने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि जिले में कुल 3384 शिक्षामित्र है। इनमें से 2300 शिक्षामित्र शिक्षक पद पर समायोजित हो चुके थे। उच्च न्यायालय के फैसले ने समायोजित और असमायोजित शिक्षामित्रों की आशाओं को तोड़ दिया। इस फैसले के बाद शिक्षामित्र स्कूल को छोड़कर धरना प्रदर्शन करने उतर गए। शिक्षामित्रों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक धरना दिया लेकिन सरकार ने उन्हें शिक्षामित्र बनाए रखने का ही निर्णय लिया। लेकिन सरकार ने इनके मानदेय में वृद्घि कर दी। शिक्षामित्रों की हड़ताल के दौरान जनपद के बह़ुत से विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो गई। क्योंकि हर विद्यालय में एक शिक्षामित्र तैनात था। किसी किसी विद्यालय में तो एक प्रधानाचार्य और एक शिक्षामित्र की ही तैनाती थी। शिक्षामित्र के हड़ताल में जाने के कारण ऐसे विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो गई। लेकिन जनपद में कोई ऐसा विद्यालय नहीं था जहां केवल शिक्षामित्र ही तैनात हुआ हो। इसलिए जनपद में इनकी हड़ताल का कोई विशेष नहीं देखने को मिला। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि एक दो दिन शिक्षामित्रों की हड़ताल से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी लेकिन बाद में इसे दूर कर लिया गया। इसलिए जनपद में इनकी हड़ताल का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने बताया कि हड़ताल में शामिल शिक्षामित्रों का हड़ताल के दिन का वेतन काटने का निर्देश शासन से प्राप्त हुआ है।
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बताते चलें कि जिले में कुल 3384 शिक्षामित्र है। इनमें से 2300 शिक्षामित्र शिक्षक पद पर समायोजित हो चुके थे। उच्च न्यायालय के फैसले ने समायोजित और असमायोजित शिक्षामित्रों की आशाओं को तोड़ दिया। इस फैसले के बाद शिक्षामित्र स्कूल को छोड़कर धरना प्रदर्शन करने उतर गए। शिक्षामित्रों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक धरना दिया लेकिन सरकार ने उन्हें शिक्षामित्र बनाए रखने का ही निर्णय लिया। लेकिन सरकार ने इनके मानदेय में वृद्घि कर दी। शिक्षामित्रों की हड़ताल के दौरान जनपद के बह़ुत से विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो गई। क्योंकि हर विद्यालय में एक शिक्षामित्र तैनात था। किसी किसी विद्यालय में तो एक प्रधानाचार्य और एक शिक्षामित्र की ही तैनाती थी। शिक्षामित्र के हड़ताल में जाने के कारण ऐसे विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो गई। लेकिन जनपद में कोई ऐसा विद्यालय नहीं था जहां केवल शिक्षामित्र ही तैनात हुआ हो। इसलिए जनपद में इनकी हड़ताल का कोई विशेष नहीं देखने को मिला। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि एक दो दिन शिक्षामित्रों की हड़ताल से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी लेकिन बाद में इसे दूर कर लिया गया। इसलिए जनपद में इनकी हड़ताल का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने बताया कि हड़ताल में शामिल शिक्षामित्रों का हड़ताल के दिन का वेतन काटने का निर्देश शासन से प्राप्त हुआ है।
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