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श्रम न्यायालयों में अफसरों की नियुक्ति की वैधता को चुनौती, याची ने की राज्य सरकार के संशोधन नियम को रद करने की मांग

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदेश में श्रम न्यायालयों व अधिकरणों में न्यायिक पीठासीन अधिकारी के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की भी नियुक्ति नियम की वैधता को चुनौती दी गई है।
इस चुनौती याचिका पर कोर्ट ने सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय कमेटी की सूची मांगी है। सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी। यह न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खंडपीठ ने चंद्रशेखर की जनहित याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता सीबी गुप्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने श्रम न्यायालय में पीठासीन अधिकारी के पद पर न्यायिक अधिकारी की तैनाती का दिया है, लेकिन राज्य सरकार आइएएस व पीसीएस अधिकारियों की भी तैनाती कर रही है। इस संशोधन नियम को रद किया जाए। अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी का कहना है कि सरकार ने संशोधन कानून से यह व्यवस्था दी है कि तीन वर्ष का न्यायिक कार्य अनुभव वाले प्रशासनिक अधिकारियों की भी नियुक्ति की जा सकती है। श्रम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पद पर एचजेएस (उच्च न्यायिक सेवा), न्यायिक अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की जा सकती है और सरकार को कानून बनाने की पूरी वैधानिक अधिकारिता है। कोर्ट का मानना है कि न्यायिक अधिकारियों की ही नियुक्ति होनी चाहिए।’>>इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलब की उच्च स्तरीय कमेटी की सूची1’>>याची ने की राज्य सरकार के संशोधन नियम को रद करने की मांग

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