मुजफ्फरनगर। फर्जी बीटीसी प्रमाणपत्र के आधार पर 16 साल तक बेसिक परिषदीय विद्यालय में पढ़ाती रही शिक्षिका की शासन के निर्देश पर सेवा समाप्त कर दी गई है। पुरकाजी ब्लॉक के गांव तुगलकपुर के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में वह प्रधान अध्यापिका के पद पर कार्यरत थी।
जांच में बीटीसी की मार्कशीट फर्जी पाए जाने के बाद बीईओ ने आरोपी अध्यापिका के खिलाफ पुरकाजी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति हासिल करने का यह मामला चौंकाने वाला है।
वर्ष 2001 में अंतरजनपदीय तबादले के तहत शिक्षिका प्रवेश कुमारी मुरादाबाद से मुजफ्फरनगर आई थी। उसकी नियुक्ति पुरकाजी विकासखंड के गांव तुगलकपुर के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में की गई थी। बीते 16 वर्षों से वह इसी स्कूल में पढ़ा रही थी। फिलहाल उस पर प्रधानाध्यापिका का दायित्व था। अचानक एक शिकायत ने उसके राज का पर्दाफाश कर दिया। मुख्यमंत्री को की गई शिकायत पर एडी बेसिक और डीएम को जांच के निर्देश दिए गए। अध्यापिका के मूल प्रमाण पत्रों की जांच बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से कराई गई तो बीटीसी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। जांच की भनक लगते ही प्रधानाध्यापिका अवकाश पर चली गई।
बिजनौर जनपद के गांव धारुपुर निवासी प्रवेश कुमार पुत्र मेघराम सिंह की पहली नियुक्ति बीएसए मुरादाबाद के निर्देश पर 24 मार्च 2000 को प्राइमरी स्कूल शकरपुर ब्लॉक बहजोई जिला मुरादाबाद में की गई थी। मामले के खुलासे के बाद पुरकाजी के खंड शिक्षा अधिकारी योगेश शर्मा ने फर्जीवाड़े की धाराओं में प्रधानाध्यापिका के खिलाफ पुरकाजी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। कार्रवाई प्रक्रिया में बीएसए चंद्रकेश सिंह यादव ने आरोपी शिक्षिका की सेवा समाप्त कर दी है।
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जांच में बीटीसी की मार्कशीट फर्जी पाए जाने के बाद बीईओ ने आरोपी अध्यापिका के खिलाफ पुरकाजी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति हासिल करने का यह मामला चौंकाने वाला है।
वर्ष 2001 में अंतरजनपदीय तबादले के तहत शिक्षिका प्रवेश कुमारी मुरादाबाद से मुजफ्फरनगर आई थी। उसकी नियुक्ति पुरकाजी विकासखंड के गांव तुगलकपुर के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में की गई थी। बीते 16 वर्षों से वह इसी स्कूल में पढ़ा रही थी। फिलहाल उस पर प्रधानाध्यापिका का दायित्व था। अचानक एक शिकायत ने उसके राज का पर्दाफाश कर दिया। मुख्यमंत्री को की गई शिकायत पर एडी बेसिक और डीएम को जांच के निर्देश दिए गए। अध्यापिका के मूल प्रमाण पत्रों की जांच बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से कराई गई तो बीटीसी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। जांच की भनक लगते ही प्रधानाध्यापिका अवकाश पर चली गई।
बिजनौर जनपद के गांव धारुपुर निवासी प्रवेश कुमार पुत्र मेघराम सिंह की पहली नियुक्ति बीएसए मुरादाबाद के निर्देश पर 24 मार्च 2000 को प्राइमरी स्कूल शकरपुर ब्लॉक बहजोई जिला मुरादाबाद में की गई थी। मामले के खुलासे के बाद पुरकाजी के खंड शिक्षा अधिकारी योगेश शर्मा ने फर्जीवाड़े की धाराओं में प्रधानाध्यापिका के खिलाफ पुरकाजी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। कार्रवाई प्रक्रिया में बीएसए चंद्रकेश सिंह यादव ने आरोपी शिक्षिका की सेवा समाप्त कर दी है।
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