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सुप्रीम कोर्ट से आई इस बड़ी खबर के बाद खुशी से झूम उठे शिक्षा मित्र, दोबारा सहायक अध्यापक बनने का रास्ता हुआ साफ

बलरामपुर. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला द्वारा दी गई।
गाजी इमाम आला के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में जो रिव्यू दाखिल किया गया है, वो डिक्री सेक्शन में पहुंच गया है। इसके बाद रिव्यू पिटीशन नंबर मिलने का इंतजार रहेगा, जो अगले सप्ताह मिल जाएगा। इस नंबर के मिलने के साथ ही एक बार फिर शिक्षामित्रों के मामले में पुनर्विचार याचिका की उम्मीद जाग जाएगी।

कोर्ट के फैसले से बड़ी उम्मीद

इस मामले में जब पत्रिका ने बलरामपुर के मेवालाल तालाब निवासी शिक्षामित्र सिद्धार्थ शंकर मौर्या से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट हमारे पक्ष में कोई फैसला ले तो हम शिक्षामित्रों को बहुत लाभ मिलेगा। वहीं काली माई थाना बलरामपुर के निवासी राम कुमार शुक्ला का कहना है कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि होगा। कोर्ट जो फैसला लेगी वह शिक्षमित्रों के हित में ही लेगी।

याचिका पर कार्यवाही शुरू

मामले में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है। यूपी सरकार से कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है। शिक्षामित्र बिना सरकार के अपने लिए न्याय की मांग करने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को सिरे से गैरकानूनी ठहराया था। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी। प्रदेश के शिक्षामित्रों ने हार न मानते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया था।

कोर्ट से मिलेगी राहत


वहीं सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी राहत उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि रिव्यू पिटीशन नंबर आने का इंतजार है। शिक्षामित्रों की फाइल डिक्री सेक्शन में पहुंच गई है। अगले सप्ताह इसका नंबर मिल जाएगा। इसके बाद फाइल पुनर्विचार के लिए मुख्य धारा में आ जाएगाी। उन्होंने बताया कि नंबर मिलने के बाद सुनवाई संभव है। इस कार्य में देरी इसलिए हुई, क्योंकि बीएड, टीईटी अभ्यर्थियों ने भी इस फाइल में अपने दस्तावेज दाखिल किए हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा।
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