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आरओ परीक्षा में हुई धांधली पर सरकार से जवाब-तलब: कई स्तर पर अनियमितता का आरोप, परीक्षा परिणाम रद करने की याचिका में मांग

इलाहाबाद : विधानसभा सचिवालय में समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी यानी आरओ-एआरओ भर्ती में हुई धांधली के आरोप में दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है।
भर्ती प्रक्रिया की हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही याचिका दाखिल हुई है। मांग की गई है कि भर्ती में कई स्तर पर अनियमितताएं हुई हैं इसलिए परीक्षा परिणाम रद किया जाए।

दीपक कुमार राय और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति इरशाद अली की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि विधानसभा सचिवालय के 40 सहायक समीक्षा अधिकारी और 50 समीक्षा अधिकारी पदों पर भर्ती के लिए 25 नवंबर, 2015 को विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। 18 अक्टूबर, 2016 को अंतिम चयन परिणाम आया। भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगे इस आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने जांच का आदेश दिया और 2017 में जांच रिपोर्ट आ गई। 1अधिवक्ता का कहना है कि जांच रिपोर्ट में भर्ती में धांधली की बात सामने आई है। क्षैतिज आरक्षण गलत तरीके से लागू करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी की दो महिला अभ्यर्थियों की सामान्य वर्ग में नियुक्ति कर दी गई। इसी प्रकार साक्षात्कार के लिए बुलाए गए 1113 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार चार दिन में पूरा कर 18 अक्टूबर को परिणाम घोषित किया गया। 19 से 21 अक्टूबर के बीच सभी को नियुक्ति पत्र भेजते हुए कार्यभार ग्रहण करा दिया गया। याचिका में यह भी आरोप है कि विज्ञापन के अनुसार लिखित परीक्षा 100 अंकों की होनी थी लेकिन, 100 में से 70 अंक लिखित परीक्षा और 30 अंक साक्षात्कार में बांट दिए गए। जबकि विज्ञापन में ऐसा कुछ नहीं बताया गया था। इसी प्रकार से वेटिंग लिस्ट का कोई प्रावधान नहीं था लेकिन, कई अभ्यर्थियों को वेटिंग लिस्ट में रखकर बाद में नियुक्ति दी गई। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में करेगी।

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