बता दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2011 के तहत निजी स्कूलों में कक्षा एक व उससे निचली कक्षाओं में कुल छात्र संख्या के कम से कम 25 फीसदी दाखिले गरीब बच्चों के होते हैं। शासकीय नियमों के मुताबिक आरटीई के तहत दाखिला प्राप्त बच्चा आठवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का हकदार होता है। उल्लेखनीय है कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए वही अभिभावक आवेदन कर सकते हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख या उससे कम हो। आवेदन के उपरांत घर से एक किलोमीटर की परिधि के अंदर आने वाले स्कूलों में ही बच्चे का दाखिला संभव होता है। योजना का ज्यादा से ज्यादा बच्चों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से आवेदन प्रक्रिया इस वर्ष औसतन जल्दी शुरू की गई है। बता दें कि आरटीई के तहत जिले की निजी स्कूलों में पिछले साल एक हजार से भी ज्यादा दाखिले कर शिक्षा विभाग ने कीर्तिमान स्थापित किया था।
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