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UP 68,500 शिक्षक भर्ती: भर्ती एक और चरण दो, आवेदन शुल्क भी देना होगा दो बार

ताज़ा समाचार | 68,500 शिक्षक भर्ती एक... लेकिन चरण दो और हर बार आवेदन शुल्क भी। अभी लिखित परीक्षा के लिए 600 रुपये आवेदन शुल्क लिया जाएगा और इसमें सफल अभ्यर्थी जब शिक्षक भर्ती में भाग लेंगे तो उन्हें फिर से आवेदन शुल्क देना होगा। लिखित परीक्षा के लिए आवेदन 25 जनवरी से लिए जाने हैं।

राज्य सरकार पहली बार शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा करवा रही है। इसके लिए सामान्य व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से 600 रुपये और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से 400 रुपये आवेदन शुल्क ले रही है। इसमें उत्तीर्ण होना केवल पात्रता भर है। इसमें पास होने वाले अभ्यर्थी ही शिक्षक भर्ती का हिस्सा बनेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद जब 68,500 पदों पर भर्ती शुरू होगी तो फिर से आवेदन मांगे जाएंगे और लगभग इतना ही शुल्क फिर  देना होगा। पिछली भर्तियों में सामान्य व ओबीसी वर्ग से 500 और आरक्षित वर्ग से 200 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया है। इस भर्ती के लिए पहला चरण यानी लिखित परीक्षा परीक्षा नियामक प्राधिकारी कराएगा जबकि इसके बाद भर्ती बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से होगी।
मई में इस लिखित परीक्षा का रिजल्ट आएगा और इसके बाद ही शिक्षक भर्ती शुरू होगी। वहीं कई अभ्यर्थी ऐसे भी होंगे जिन्होंने बीते वर्ष अक्टूबर में हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा में भी भाग लिया था और यहां भी आवेदन करने के लिए शुल्क लिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, परीक्षा का खर्चा निकालने के लिए आवेदन शुल्क लिया जाता है। दोनों ही चरणों में वेबसाइट तैयार करवाई जाएगी। वहीं लिखित परीक्षा के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। एजेंसियों को रिजल्ट का काम सौंपा जाता है।
68,500 शिक्षक भर्ती में लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों से आवेदन लिए जाएंगे और इनके 40 फीसदी शैक्षिक गुणांक और 60 फीसदी लिखित परीक्षा के अंक जोड़ कर मेरिट तैयार की जाएगी।

लगभग 10 करोड़ की आमदनी केवल आवेदन शुल्क से-
 बीते वर्षों में राज्य में हुई टीईटी में दो लाख से ज्यादा युवा पास हुए हैं लेकिन शिक्षकों की भर्तियां 50 हजार से ज्यादा नहीं हुई। टीईटी का प्रमाणपत्र 5 वर्षों के लिए मान्य होता है। यदि मान लिया जाए कि इनमें से 50 हजार अभ्यर्थी शिक्षक बन चुके हैं या अन्य नौकरी कर रहे हैं तो लिखित परीक्षा में लगभग सवा से डेढ़ लाख अभ्यर्थियों के भाग लेने की संभावना है। केवल लिखित परीक्षा से ही राज्य सरकार के खजाने में 6 से 7.5 करोड़ रुपये आने की संभावना है। यदि इनमें 50 फीसदी भी पास हुए तो शिक्षक भर्ती के आवेदन शुल्क के रूप में 3 से 3.5 करोड़ रुपया सरकारी खजाने में आएगा।

बीते वर्षों में प्राइमरी स्तर पर टीईटी में सफल अभ्यर्थी-
2013 -18,862
2014- 57,506
2015-59,062
2016- 25,226
2017-47,975



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