1) आने वाले दो तीन दिनों में कुछ बातें क्लियर हो जाएंगी।
.
2) 68500 की भर्ती के लिए आवेदन में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, दूरस्थ बीटीसी(शिक्षामित्र) को उनके प्रशिक्षण
जनपद में ही आवेदन करना होगा जो प्रथम कॉउंसीलिंग के
लिए उसी जनपद तथा द्वितीय काउंसलिंग के लिए उत्तरप्रदेश के सभी जनपदों में
मान्य होगा। (द्वितीय काउंसलिंग के लिए सभी जनपद वाली लाइन एक lollipop
होती है क्योंकि हमारे 74 क्लोन नहीं है जो हर जिले में द्वितीय कॉउंसीलिंग
में सम्मिलित हो सकें, पूरा लाटरी सिस्टम है, तुक्का जिसका जहां फंस गया
उसका वहां हो गया।)
.
3) डीएड, बीएलएड, या NCTE से मान्यता प्राप्त अन्य डिप्लोमा धारी किसी भी
मनपसंद एक जनपद में आवेदन कर पाएंगे यानी उनकी प्रथम कॉउंसिलग मनपसंद जनपद
में होगी। मनपसंद क्या होगा आप भी जानते हैं।
.
4) आपका आवेदन वाला जनपद जिस भी डिवीज़न में आता होगा सम्भवतः उसी जनपद में
परीक्षा होगी यदि संख्या अधिक नहीं रही तो। उदाहरण के लिए आपने अमेठी,
सुल्तानपुर या बाराबंकी जिले से प्रशिक्षण प्राप्त किया है तो परीक्षा
फैजाबाद में होगी।
.
5) सम्भवतः परीक्षा के विज्ञापन के साथ ही भर्ती का विज्ञापन भी जारी किया
जाएगा या एक ही विज्ञापन में दोनों का उल्लेख होगा और परीक्षा के रिजल्ट
जारी किए जाने के बाद प्रथम काउंसलिंग की विज्ञप्तियां जारी की जाएंगी।
.
6) यदि बिंदु 5 जैसा ही होता है तो एकाउंट नम्बर जारी किया जाएगा और
प्रशिक्षण जिला वरीयता के विरुद्ध याचिका फ़ाइल की जाएगी। 14 जिलों का
न्यायिक क्षेत्र लखनऊ पड़ता है और 61 जिलों का न्यायिक क्षेत्र इलाहबाद पड़ता
है।
.
7) जिला वरीयता से पीड़ित सभी को सुझाव यह है कि 68500 भर्ती के लिए याचिका
में बिना याची बने किसी को पैसा न दें, चूंकि ये भर्ती इसी सरकार की है तो
याचिका की पेंडेंसी में सरकार कंडीशनल नियुक्ति पत्र देकर नियुक्ति कर देगी
और फिर जितने भी समय बाद एक वर्ष दो वर्ष या जितना भी समय लगे कोर्ट का
अंतिम निर्णय आने में तो याचियों को न्याय जरूर मिलेगा हालांकि प्रयास जनरल
ऑर्डर का ही रहेगा पर ऐसा नहीं हुआ तो याचियों को कमसेकम न्याय मिलेगा।
.
8) यदि फण्ड पर्याप्त मात्रा में आता है तो आर्टिकल 32 के अंतर्गत याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी। इससे हाई कोर्ट से न्याय में देरी में
बर्बाद होने वाला समय बचाये जाने का प्रयास किया जाएगा।
.
9) जौनपुर, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी जैसे जिलों से बीटीसी करने वालो को ये
पोस्ट offend कर सकती है तो भाई सब आंख खोल ऊपर जाकर बिंदु संख्या 3 पढ़
लीजिये। आपके जिले में दिल खोलकर आवेदन होने वाले हैं। आपकी इच्छा है या तो
पूरे 68500 पदों पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के हमारे ध्येय में हमारा
साथ दीजिये या बस अपने जनपद के कुछ पदों पर लड़ने के लिए हमारे विरुद्ध
आइये।
.
10) अब आपके कुछ नेता टाइप और या उनके अनुयायी कहेंगे कि हमारे जिले में
आवेदन कोई भी करे लेकिन वरीयता हमें मिलेगी, मतलब प्रथम कॉउंसीलिंग में
पहले हमारा चयन होगा उसके बाद में बाकि तो उनको ये सलाह है कि 1981
नियमावली में 09 अप्रेल 2013 को हुए 17वें संशोधन को पढ़ लें और फिर भी थोड़ा
डाउट रह जाए और याचिका करने का मन हो तो आप की थोड़ी सहायता कर देते हैं,
2016 में सोनभद्र से पड़ी याचिका संख्या 34577 का संज्ञान ले लीजियेगा।
~AG
PS :- प्रशिक्षण जिले में ही आवेदन करने की बाध्यता से पीड़ित लोग इस पोस्ट
को हर उस ग्रुप और TIMELINE पर शेयर करें जहां आपके जैसे ही भाई बन्धु
उपस्थित हों ताकि हर किसी तक ये बात पहुंच सके। मन, वचन और कर्म से साथ
दीजिये।
संघे शक्ति कलियुगे
sponsored links:
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी
- संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति को नियमावली में संशोधन, अब यह होगा चयन का आधार