फिरोजाबाद। सर्वोच्च न्यायालय के शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द करने से अब
वो मानदेय पर ही काम कर रहे हैं। इससे जिले के 1673 शिक्षामित्रों को
परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें मिलने वाला मानदेय किराए में
खर्च हो जा रहा है। मांग के बाद भी अफसर मौन है।
शिक्षामित्र समायोजन रद्द होने के बाद मूल पद पर तो चले गए लेकिन उनके
स्कूल नहीं बदले गए। कई कई किमी. दूर स्कूल में मानदेय पर काम कर रहे हैं।
लेकिन वो मानदेय उनका किराए में ही खर्च हो रहा है। निदेशक स्तर से कोई
पत्र बीएसए को नहीं भेजा गया। अब 10 हजार रुपये ही मानदेय मिल रहा है।
जिसमें परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल है। घर से 80 से 100 किलोमीटर दूर
रहकर शिक्षण कार्य करने में समस्या आ रही है। इसके चलते शिक्षामित्रों
अनुपस्थिति रहते हैं।
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