परिषदीय विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए बेसिक
शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 1981 में किए गए 20वें संशोधन को हाईकोर्ट
में चुनौती दी गई है।
याचिका में नौ जनवरी 2018 को जारी शासनादेश की वैधता
को भी चुनौती दी गई है। इस शासनादेश के माध्यम से शिक्षक भर्ती के लिए
आयोजित लिखित परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य किया गया
है। मो. अख्तर और अन्य की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन, अनिल सिंह बिसेन और एके त्रिपाठी आदि
ने पक्ष रखा। कहा गया कि शिक्षक भर्ती परीक्षा को शैक्षणिक अर्हता के रूप
में रखा गया है। इसमें एक ही प्रश्नपत्र में 14 विषय शामिल किए गए हैं।
हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, पर्यावरण, सामाजिक अध्ययन,
शिक्षण कौशल, सूचना तकनीकी, बाल मनोविज्ञान, सामान्य ज्ञान, तार्किक ज्ञान
आदि विषय एक ही प्रश्नपत्र में पूछे जाएंगे।
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