बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षक के लिए यूपी का निवासी कोई भी
अभ्यर्थी आवेदन कर सकता है। उसने एनसीटीई के मानकों के तहत चाहे कहीं से
भी प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, वह आवेदन कर सकेगा। बशर्ते, वह यूपी में
न्यूनतम 5 वर्ष से रह रहा हो और जिस जनपद में रहता हो, वहां से निवास
प्रमाणपत्र जारी किया गया हो।
मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि
शिक्षक भर्ती परीक्षा में देश के किसी भी राज्य के निवासी आवेदन कर सकते
हैं। बुधवार को इस पर सरकार की ओर से स्थिति साफ कर दी गई।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की सीधी भर्ती
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 के तहत की जाती है।
शासनादेश में जो व्यवस्था की गई है, उसके तहत ऐसे अभ्यर्थी आवेदन के लिए
पात्र होंगे, जो भारत के नागरिक हों और यूपी में 5 वर्ष से निवास कर रहे
हों।
ये होगा इस फैसले का असर
वर्तमान में दूसरे राज्यों से बीटीसी, बीएलएड जैसी डिग्री लेने वाले प्रदेश
की शिक्षक भर्ती के लिए पात्र नहीं माने जाते हैं, भले ही वे यूपी के ही
क्यों न हों। ऐसे अभ्यर्थी एनसीटीई को नियामक संस्था होने का हवाला देते
हुए देश में कहीं से भी हासिल की गई डिग्री को प्रदेश की भर्तियों में
मान्यता देने की मांग कर रहे थे
प्रदेश सरकार ने इससे भी आगे जाकर देश भर से एनसीटीई से मान्य डिग्री रखने
वालों को यूपी की शिक्षक भर्ती में शामिल होने को मंजूरी दे दी है। इसके
अलावा वर्तमान में जो जिस जिले से बीटीसी करता है, उसे उस जिले में चयन में
वरीयता मिलती है। अब यह व्यवस्था भी खत्म हो गई।
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