*आज के आर्डर का सारांश*
माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के कोर्ट नंबर 18 में आइटम नंबर 35 पर सीमा वर्सेस अदर माननीय जज रितुराज अवस्थी जी के पीठ में लगा कोर्ट ने हमारे विद्वान वकील डॉक्टर एल पी मिश्रा जी को सुनने के पश्चात सरकारी वकील से 124000 के संबंध में पूछा सरकारी वकील का वही पुराना जबाब आया कि विगत 12 सितंबर
2015 को माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद की बृहद पीठ ने शिवम
राजन की याचिका पर इस मैटर को निस्तारित कर दिया है तथा विगत 25 जुलाई
2017 को माननीय उच्चतम न्यायालय ने आनंद कुमार यादव बनाम राज्य सरकार
केंद्र सरकार NCERT एमएचआरडी तथा अन्य के विरुद्ध यह फैसला निस्तारित हो
चुका है
तब हमारे अधिवक्ता डॉ एस पी मिश्रा जी ने माननीय जज को अवगत कराया कि
महोदय यह मामला 172000 या 137000 से भिन्न है तथा 124000 संबंधित लीगल
प्रूफ जज महोदय के पास उपलब्ध कराएं तब माननीय जज रितुराज अवस्थी जी ने
सरकारी वकील को इस बात पर काउंटर लगाने के लिए 7 दिन का समय दिया सरकारी
वकील बार-बार माननीय कोर्ट से गुहार करते रहे कि हमें 15 दिन का वक्त दिया
जाए मामला अति संवेदनशील होने के कारण जज महोदय ने सरकारी वकील की सारी
दलीलें खारिज कर दी और सख्त लहजे में 1 हफ्ते का समय प्रदान किया पुनः
सरकारी वकील साहब ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की कि इसी तरह का एक
मुकदमा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ में लंबित है जज साहब ने इस
दलील को भी नकारते हुए कहा कि सारी बातें छोड़िए फिलहाल आप 1 सप्ताह के
भीतर अपना जवाब दीजिए कि आपको आपत्ति क्या हैमाननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के कोर्ट नंबर 18 में आइटम नंबर 35 पर सीमा वर्सेस अदर माननीय जज रितुराज अवस्थी जी के पीठ में लगा कोर्ट ने हमारे विद्वान वकील डॉक्टर एल पी मिश्रा जी को सुनने के पश्चात सरकारी वकील से 124000 के संबंध में पूछा सरकारी वकील का वही पुराना जबाब आया कि विगत 12 सितंबर
आपका
राजीव यादव
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