इलाहाबाद : योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना तमाम प्रयासों के बाद भी संचालित नहीं हो पा रही है। नया शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है, अब तक लक्ष्य के अनुरूप विद्यालयों का प्रदेश भर में चयन नहीं हो सका है। ऐसे में शासन को आदेश में बदलाव करना पड़ा है।
अब जिन जिलों में 11 या अधिक विकासखंड हैं, वहां प्रति विकासखंड छह स्कूल चयनित करना होगा। जबकि 11 से कम विकासखंड वाले जिलों में पांच स्कूल ही अंग्रेजी माध्यम से संचालित होंगे।
प्रदेश सरकार ने मौजूदा शैक्षिक सत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के पांच हजार प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने का लक्ष्य तय किया था। इसके लिए परिषद मुख्यालय ने जनवरी माह में स्कूलों व शिक्षकों का चयन करने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद भी जिलों में न तो विद्यालय और न ही शिक्षकों का चयन पूरा हो सका है। इसीलिए बेसिक शिक्षा अधिकारी शासन को विद्यालयों की सूची नहीं भेज रहे हैं। ‘दैनिक जागरण’ ने इन विद्यालयों की स्थिति उजागर की तो बीते 12 अप्रैल को शिक्षा निदेशक बेसिक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग करके बीएसए को स्कूलों की सूची भेजने को कहा।
अधिकांश जिलों ने इस आदेश को नहीं माना है। शिक्षा निदेशक बेसिक ने फिर जिलों को पत्र भेजकर कहा है कि अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोलने का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है। यह अत्यंत खेदजनक है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने अब निर्देश दिया है कि हर विकासखंड में पांच की जगह सात स्कूलों का चयन करके लक्ष्य पूरा किया जाए।
निदेशक ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि जिन जिलों में 11 या उससे अधिक ब्लाक है उनमें छह विद्यालय प्रति विकास खंड चयनित हो और जहां इससे कम ब्लाक हैं उनमें पांच विद्यालय ही चयनित किए जाएं। ऐसे में प्रदेश के 890 विकास खंडों में अंग्रेजी माध्यम के 5061 स्कूल संचालित होंगें।
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