लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी-टीईटी 2017 की परीक्षा
के उत्तरमाला संबंधी विवाद पर मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सिंगल बेंच
के छह मार्च के फैसले में आंशिक संशोधन करते हुए अभ्यर्थियों को दो नंबर का
ग्रेसमार्क देने का आदेश दिया है। अपने आदेश में सिंगल बेंच ने छह मार्च
को 14 प्रश्नों को हटाने के बाद टीईटी परीक्षा परिणाम पुन: घोषित करने के
आदेश दिए थे। सिंगल बेंच के आदेश से असंतुष्ट सरकार ने अपील दाखिल की थी
जिसपर कोर्ट ने 16 प्रश्नों के बावत एक्सपर्ट कमेटी की राय मांगी जिसके बाद
डिवीजन बेंच ने अपना आदेश सुनाया।
कोर्ट ने पाठ्यक्रम को लेकर की गई आपत्ति भी खारिज कर दी है। हालांकि कोर्ट
का विस्तृत फैसला अभी नहीं आया है। कोर्ट ने खुली अदालत में केवल फैसले का
अंतिम भाग सुनाया। कोर्ट का विस्तृत आदेश बुधवार को आने की संभावना है।
यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोईन की बेंच ने राज्य सरकार
की विशेष अपील को आंशिक तौर पर स्वीकार करते हुए पारित किया है। दरअसल अपील
में राज्य सरकार ने सिंगल बेंच के छह मार्च के आदेश को चुनौती दी थी।
सिंगल बेंच ने 14 प्रश्नों को हटाने के बाद टीईटी परीक्षा परिणाम पुन:
घोषित करने के आदेश दिए थे।
वहीं अपील पर सुनवायी करते हुए डिविजन बेंच ने लखनऊ विश्वविद्यालय के
कुलपति को विवादित 16 प्रश्नों के जवाब की जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी
बनाने के निर्देश दिए थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में 16 में से तीन
प्रश्नों के ही जवाब को गलत पाया। इस संबंध में एक प्रश्न के बावत
एक्जामिनेशन कंट्रोलर अथॉरिटी ने पहले ही एक नंबर का ग्रेसमार्क दे दिया
था। बाकी के दो गलत जवाबों पर भी अब एक-एक नंबर का ग्रेसमार्क दिया जाएगा।
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