बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापकों की
भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने अपना पहला वेतन स्कूल को दान
देने का संकल्प लिया है। सवा साल से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे बीटीसी और
टीईटी अभ्यर्थियों ने अपने पहले वेतन से विद्यालय में मूलभूत सुविधाएं जैसे
कुर्सी, मेज, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था करने का वादा बेसिक शिक्षा
मंत्री अनुपमा जायसवाल से किया है।
जिस दिन शासनादेश जारी, उसी दिन लिया संकल्प
11
अप्रैल को जिस दिन भर्ती का शासनादेश जारी हुआ उस दिन आवेदकों ने मंत्री
से स्कूल गोद लेने का वादा किया था। स्कूल गोद लेने का संकल्प लेने वाले
आवेदकों अतुल द्विवेदी, अखिलानन्द यादव, कोमल सिंह यादव, दीपक सिंह ध्येय,
कबीर चौधरी आदि अन्य अभ्यर्थियों से भी अपील की है कि अपने पहले वेतन से
स्कूल के रखरखाव और परिवेश को शिक्षानुकूल बनाने का प्रयास करें। इन
अभ्यर्थियों ने मंगलवार को सचिव संजय सिन्हा से मुलाकात कर भर्ती प्रक्रिया
आगे बढ़ाने के लिए आभार प्रकट किया।
काफी संघर्ष के बाद मिली नौकरी
12460
शिक्षक भर्ती का शासनादेश सपा सरकार ने 15 दिसम्बर 2016 को जारी किया था।
आवेदन लेने के बाद 18 से 20 मार्च 2017 तक पहले चरण की काउंसिलिंग पूरी कर
ली गयी। 22 मार्च 2017 तक लगभग सभी जनपदों की पदों के सापेक्ष चयन की कटऑफ
जारी कर दी गयी थी। लेकिन 23 मार्च 2017 को सरकार ने समीक्षा के नाम पर
सारी भर्तियों को ठप कर दिया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद नियुक्ति की मांग को
लेकर 15 मार्च को लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने
लाठीचार्ज कर दिया था।
लाठीचार्ज के बावजूद धरने पर डटे अभ्यर्थियों
से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 मार्च को मुलाकात की और एक सप्ताह
में नियुक्ति पत्र देने का वादा किया था। उसके बाद भर्ती ने तेजी पकड़ी और
एक मई को नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारियों को
दिए गए हैं। मुख्यमंत्री से मिलने वाले अतुल द्विवेदी ने मुख्यमंत्री और
बेसिक शिक्षा मंत्री का विशेष आभार जताया है।
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