25 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश
के बाद शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया गया था. तभी से शिक्षामित्र
अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षामित्रों ने बताया कि
उन्होंने सीएम के सामने मांग रखी है कि उनको पैराटीचर बनाया जाए. इसके
अलावा जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना लिखित परीक्षा के
नियुक्ति दी जाए.
उन्होंने बताया कि समायोजन रद्द
होने के बाद से कई शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है. उन सभी को मुआवजा देने
के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. इसके अलावा असमायोजित
शिक्षामित्रों के लिए भी सरकार कोई समाधान निकाले.
शिक्षामित्र
उमा देवी ने बताया कि उन्हें सीएम ने आश्वासन दिया है कि सरकार ऐसा
समाधान निकालेगी कि कोई उसे कोर्ट में चुनौती न दे. शिक्षामित्रों की बात
से तो ऐसा नजर आता है कि योगी सरकार शिक्षामित्रों के मामले में भी नरम रुख
अख्तियार कर रही है.
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