इलाहाबाद। जिले के प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त पांच शिक्षकों को बर्खास्त
कर दिया गया है। साथ ही 11 अन्य शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की तैयारी
की जा रही है। इन्होंने नौकरी हासिल करने के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों
की फर्जी मार्कशीट लगाई थी।
प्रमाण पत्रों के सत्यापन के दौरान ही इसका
खुलासा हुआ। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से उक्त सभी
शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। साथ ही संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को इस
मामले में शिथिलता बरतने पर व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी बनाने को कहा गया
है।
जिन सहायक अध्यापकों पर कार्रवाई की गई है, उन्होंने 15 हजार
शिक्षकाें की भर्ती के दौरान बरकतउल्ला विवि भोपाल और बुंदेलखंड विवि,
झांसी की बीएलएड/स्नातक की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। प्रमाण पत्रों की जांच
में इसका पता चला। इनमें से पांच शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है।
इसके अलावा 11 अन्य शिक्षक भी फर्जी मार्कशीट लगाने के दोषी पाए गए हैं।
इनके बारे में खुलासा बुंदेलखंड विवि के सहायक कुलसचिव के 18 अप्रैल को आए
पत्र से हुआ।
फर्जी मार्कशीट से नौकरी हथियाने वालों में प्राथमिक
विद्यालय बसहा कोरांव में तैनात सहायक अध्यापक अखिलेश कुमार यादव, प्राथमिक
विद्यालय बरदहा करछना की सहायक अध्यापक अंजू शुक्ल, प्राथमिक विद्यालय
कैथी करछना की सहायक अध्यापक रचना सिंह, प्राथमिक विद्यालय बरौत-1 हंडिया
के सहायक अध्यापक कमल चंद, प्राथमिक विद्यालय बरेन्द्र प्रतापपुर के सहायक
अध्यापक करन भारतीया, प्राथमिक विद्यालय तरवाई उरुवा के सहायक अध्यापक सतीश
कुमार प्रजापति, प्राथमिक विद्यालय रायपुर प्रतापपुर के सहायक अध्यापक
नीरज सिंह, प्राथमिक विद्यालय कोहड़ार-2 मेजा के सहायक अध्यापक दिनेश
कुमार, प्राथमिक विद्यालय दुबरा जगदीशपुर कौड़िहार-1 की सहायक अध्यापक
सरिता शुक्ला, प्राथमिक विद्यालय जोगापुर सैदाबाद के सहायक अध्यापक अशोक
कुमार तथा प्राथमिक विद्यालय कोना मेजा के सहायक अध्यापक नितिन कुमार साहू
का नाम शामिल है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने 20
अप्रैल को संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अग्रिम आदेशों तक
के लिए इन शिक्षकों के वेतन भुगतान की कार्रवाई रोक दी है। उन्होंने बताया
कि अब इन सभी शिक्षकों के सेवा समाप्ति की कार्रवाई होगी।
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