इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 803 प्रशिक्षुओं की नियुक्ति और सहायक अध्यापकों की भर्ती पर दिया बड़ा फैसला

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के प्राथमिक विद्यालयों में 2011 की 72825 शिक्षक भर्ती में चयनित 66655 अभ्यर्थियों में बचे रह गए नौवें बैच के 803 प्रशिक्षुओं को नियुक्ति दिए जाने के मामले में छह सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सचिन कुमार व 217 और अमित कुमार व 473 अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के मामले में सुनवाई में 72825 में से 66655 चयनितों के पद सुरक्षित कर दिए गए थे। साथ ही शेष के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी करने को कहा गया था। अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि 66655 में से डेढ़ हजार पदों पर नियुक्ति नहीं की गई है।

वहीं हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 12460 पदों की भर्ती में नियुक्ति वाले के अलावा किसी दूसरे जिलों से बीटीसी ट्रेनिंग करने वाले को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों के कागजात की जांच करने और अनुमति के बगैर नियुक्ति पक्ष जारी करने को कहा है। साथ ही इस मामले में राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने दिया है। रामजनक मौर्य व अन्य की याचिका के अनुसार दो दर्जन जिलों में पद की संख्या शून्य होने के कारण उन जिलों के बीटीसी ट्रेनिंग प्राप्त अभ्यर्थियों ने दूसरे जिले से आवेदन किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के प्राथमिक विद्यालयों में 2011 की 72825 शिक्षक भर्ती में चयनित 66655 अभ्यर्थियों में बचे रह गए नौवें बैच के 803 प्रशिक्षुओं नियुक्ति दिए जाने के मामले में छह सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सचिन कुमार व 217 और अमित कुमार व 473 अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के मामले में सुनवाई में 72825 में से 66655 चयनितों के पद सुरक्षित कर दिए गए थे। साथ ही शेष के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी करने को कहा गया था। अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि 66655 में से डेढ़ हजार पदों पर नियुक्ति नहीं की गई है।